नई दिल्ली: पिछली कुछ तिमाहियों में दबाव की स्थिति में रहने के बावजूद रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर अगले पांच साल में डेढ़ करोड़ नौकरियां देने वाला है. संसद में कल पेश इकोनॉमिक सर्वे 2017-18 में यह बात कही गई है. आर्थिक समीक्षा के मुताबिक यह अब भी कृषि के बाद देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है. इस तरह कृषि के बाद यही सेक्टर है जो देश में सबसे ज्यादा नौकरियों के मौके मुहैया कराता है.
साल 2013 में इस सेक्टर ने चार करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया था. वर्ष 2017 में इसमें काम करने वाले लोगों की संख्या 5.2 करोड़ हो गई जिसके 2022 तक बढ़कर 6.7 करोड़ होने की संभावना है.
साल 2018-19 का बजट पेश होने में अब 1 दिन बचा है. युवाओं के मन में यही सवाल है कि इस सरकार के खजाने से स्टूडेंट्स के लिए कुछ खास निकलेगा या नहीं? युवाओं को इस बार के बजट से ढेरों उम्मीदें हैं. मोदी सरकार रोजगार के मोर्चे पर उतनी सफल अभी तक दिखाई नहीं दी है और युवाओं में खासतौर पर इसको लेकर रोष है. फिलहाल के नौकरी के आंकड़ों को देखें तो जॉब क्रिएशन के लिए सरकार बजट में कुछ एलान करेगी ऐसी उम्मीद जताई जा रही है.
बजट में नौकरी बढ़ाने के लिए हो सकते हैं ये एलान- रोजगार बढ़ाने के लिए ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर, छोटी-मझोली इंडस्ट्री में नए रोजगार पैदा करने पर फोकस किया जा सकता है. नई नीति के तहत एप्लॉइज पीएफ में एक हिस्सा सरकार दे सकती है.
- बजट में लेबर लॉ से जुड़ी शर्तों में ढील दी जा सकती है जिसके बाद नौकरीपेशा खासतौर पर कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को कुछ राहत की उम्मीद है.
- सरकार मेक इन इंडिया के तहत स्किल डेवलपमेंट और रोजगार की गारंटी दिलाने पर फोकस कर रही है और बजट में इससे जुड़ी कुछ घोषणाएं हो सकती हैं.