देश में गैर-कांग्रेसवाद का नारा देकर कई नेताओं ने चुनावी बिसात पर देश की सबसे पुरानी पार्टी को चुनौती दी है. इनमें जय प्रकाश नारायण, , राम मनोहर लोहिया, अटल बिहारी वाजपेयी, एलके आडवाणी जैसे नेताओं की लंबी फेरहिस्त है. वाजपेयी ने एक समय पर केंद्र में सरकार भी चलाई है और कई राज्यों में बीजेपी की सरकारें भी उनके समय में बनीं.
लेकिन राष्ट्रीय राजनीति में नरेंद्र मोदी के उदय के बाद कांग्रेस को सिर्फ चुनौती ही नहीं बल्कि एक तरह से सफाया भी हो गया. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 50 से भी कम सीटें मिलीं तो 2019 को लोकसभा में सिर्फ 55.
2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद नरेंद्र मोदी गुजरात से निकल कर केंद्र की राजनीति में आए. इस चुनाव में बीजेपी ने 282 सीटें जीतकर अकेले दम पर सरकार बनाने की स्थिति में आ गई. सभी राजनीतिक पार्टियां बीजेपी की जीत के सामने धराशायी हो गईं.
चुनाव बाद माना गया कि ये जीत मोदी के जादुई करिश्मे की वजह से मिली. इसके बाद तो भगवा पार्टी यही नहीं रुकी, उसने केंद्र के साथ-साथ राज्यों में भी जबरदस्त विस्तार किया. वहीं बीजेपी आज जिस मुकाम पर है उसको पहुंचाने वाले नेता नरेंद्र मोदी का 17 सितंबर को जन्मदिन है.
2014 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, उस समय तक देशभर में बीजेपी की 7 राज्यों में सरकार चल रही थी. मगर, इसके बाद पीएम मोदी पार्टी का सबसे प्रमुख चेहरा बने.
बीजेपी लगातार केंद्र से लेकर राज्यों तक में अपनी सरकार बनाने में सफल होती जा रही थी. साल 2014 से लेकर 2018 तक बीजेपी की देश के 28 में से 21 राज्यों की सरकारें बन गईं. जिसने कांग्रेस के 16 राज्यों में एक साथ सरकार चलाने के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया.
फिलहाल बीजेपी अपने दम पर देश के 12 राज्यों में शासन कर रही है, वहीं चार राज्यों में अपने गठबंधन के साथियों के साथ सरकार में है.
केंद्र में PM मोदी के आने के बाद बीजेपी (2014-19)2014 के बाद बीजेपी का देश में जिस तेजी से ग्राफ बढ़ा वैसा कभी नहीं हुआ था. मार्च 2018 में बीजेपी ने तेजी से राज्यों में बढ़त बनाई. ये पहली बार था जब बीजेपी अकेले या फिर अपने सहयोगी दलों के साथ (पंजाब को छोड़कर) उत्तर भारत के सभी राज्यों की सत्ता पर काबिज थी.
मगर, भारतीय जनता पार्टी का ये विजयी रथ 2018 के बाद से थमना शुरू हो गया. 2018 में कर्नाटक में चुनाव हुए जिसके बाद कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन की सरकार बनी, लेकिन कुछ समय बाद ही बीजेपी ने यहां फिर से सरकार बनाने में कामयाबी हासिल कर ली.
वहीं 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को करारी हार मिली और कांग्रेस ने देश के बड़े राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार बना ली. हालांकि, मध्य प्रदेश में कांग्रेस अपने आपसी टकराव की वजह से सरकार नहीं बचा पाई.
2019-2022 तक बीजेपी की यात्रा2019 में एक बार फिर से लोकसभा के चुनाव हुए, जिसमें भारतीय जनता पार्टी की तरफ से नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया. पीएम मोदी के नाम पर लड़े गए इस चुनाव में बीजेपी को 2014 से भी ज्यादा 303 सीटों पर जीत मिली और विपक्षी दलों को निराशा.
पार्टी को अक्टूबर 2019 में उस वक्त एक बड़ा झटका लगा जब उसके हाथ से महाराष्ट्र की सरकार चली गई और राज्य में महाविकास अघाड़ी गठबंधन की उद्धव ठाकरे सरकार बन गई.
मगर, महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी रही. ढाई साल तक उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की सरकार चलाई, लेकिन हाल ही में वहां शिवसेना में हुई बगावत के बाद एक बार फिर बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब हो गई है.
वर्ष 2022 में हुए पांच राज्यों के चुनाव में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बीजेपी चार राज्यों में सरकार बनाने में सफल रही. जिसमें उत्तर प्रदेश जैसा राजनीतिक लिहाज से देश का सबसे मजबूत राज्य शामिल है. जीतने वाले तीन अन्य राज्यों में मणिपुर, उत्तराखंड और गोवा हैं.
लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में बीजेपी और पीएम मोदी को उस वक्त झटका लगा जब बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए का साथ छोड़ गए. नीतीश कुमार की जेडीयू ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर नई सरकार बनाई है.
अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है.