Imran Khan: पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 25 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराते हुए उन्हें पद से हटा दिया है. आयोग ने सदस्यों को पिछले महीने पंजाब के मुख्यमंत्री चुनाव में पार्टी के निर्देश के खिलाफ मतदान करने पर 'पद से हटा दिया.' आयोग ने पिछले महीने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हमजा शहबाज के पक्ष में मतदान करने पर 25 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी मामले में अपना फैसला सुनाया. निर्वाचन आयोग ने अपने सर्वसम्मत फैसले में कहा कि पीटीआई के विधायकों ने संविधान के अनुच्छेद 63-ए के तहत 'दोषपूर्ण' कार्य किया, इसलिए उन्हें 'पद से हटना पड़ेगा.' पद से हटने का मतलब है कि विधायक अपनी सीट खो चुके हैं लेकिन वे अयोग्य नहीं हैं. ऐसे में पीटीआई के ये बागी सदस्य इन सीट पर होने वाले उपचुनाव में हिस्सा ले सकते हैं.


आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने इस मामले में 17 मई को इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. आपको बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री पद के चुनाव में पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहबाज को कुल 197 मत मिले थे. जबकि बहुमत के लिए 186 मतों की आवश्यकता थी. पीटीआई के 25 बागी विधायकों के वोट ने हमजा को पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में बहुमत दिलाने में मदद की थी. जिसके बाद इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की गई. चुनाव आयोग को दी गई शिकायत में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के 25 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर उन्हें उनके पद से हटाने की मांग की गई थी. जिसके बाद आज चुनाव आयोग ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया है. 


पाकिस्तान में बीते कई महीनों से इसी प्रकार का सियासी भवंडर मचा हुआ है. गौरतलब है कि बीते महीने पाकिस्तान में जिस प्रकार से सियासी भूचाल आया उसमें इमरान खान को अपनी कुर्सी तक गवानी पड़ी. राष्ट्रपति द्वारा नेशनल असेंबली को भंग किए जाने के बाद इमरान खान को  पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था. इमरान की खुद की पार्टी के कई बड़े नेता उनके खिलाफ हो गए थे. इमरान खान और उनकी सरकार के खिलाफ लोगों में काफी रोष था. देश में मंहगाई अपने चरम पर पहुंच गई थी. जिसे काबू करने में इमरान खान बतौर प्रधानमंत्री पूरी तरह से विफल रहे. विपक्ष को इमरान को गद्दी से उतारने का मौका मिल गया. जिसका नतीजा रहा कि इमरान को जबरन प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा.


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