No Confidence Motion Debate: संसद के मानसून सत्र का माहौल काफी गर्म हो चला है. विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' पीएम मोदी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है, जिसपर लोकसभा में तीखी बहस चल रही है. असम से कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने सदन में अपनी बात बड़ी जोरदारी और तमाम तथ्यों के साथ रखते हुए पीएम मोदी और उनकी सरकार को निशाने पर लिया. उन्होंने सवाल किया पीएम मोदी 80 दिन इतने संवेदनशील मुद्दे पर क्यों नहीं बोले. वह अभी तक मणिपुर का दौरा करने भी नहीं गए और न ही उन्होंने शांति बहाली के प्रयास किए.


मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी से की ये गुजारिशः गौरव गोगोई ने पीएम मोदी सहित एनडीए सरकार पर करारे प्रहार किए. साथ ही वह बीच-बीच में अपनी कांग्रेस सरकार की खूबियों को भी बताते जा रहे थे. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, मनमोहन सिंह के साथ-साथ बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेई का भी उदाहरण दिया. उन्होंने कहा राजीव गांधी ने 1985 में असम एकॉर्ड (Assam Accord) के समय हस्तक्षेप कर शांति बहाली की पहल की थी. गुजरात दंगों के समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी शांति बहाली के प्रयास किए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इसी तरह मणिपुर में जाकर शांति बहाली के प्रयास करने चाहिए. 


पीएम मोदी को मणिपुर का दौरा करना चाहिएः गौरव गोगोई ने सदन के सामने पीएम मोदी से तीन आग्रह किए. पहला प्रधानमंत्री जी को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में आकर अपनी बात रखनी चाहिए. दूसरी वह सबको साथ लेकर मणिपुर का दौरा करें. इसमें सभी दल के लोग शामिल हों. तीसरी मणिपुर के विभिन्न शांति संगठनों को बुलाकर उनसे बात करें. उन्होंने जोर देकर कहा देश सर्वोपरि होना चाहिए. बाकी सब कुछ बाद में आता है.


उन्होंने उदाहरण दिया कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने असम में शांति बहाली के लिए कांग्रेस की सरकार को बर्खास्त करके 1986 में नई सरकार बनवाई थी. वहीं मणिपुर में आपकी डबल इंजन की सरकार का खुफिया तंत्र और सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम रही. खुद मणिपुर के मुख्यमंत्री ने अपने फेलियर को स्वीकार किया है.  


अडाणी और चीन के मुद्दे पर कसा तंजः गौरव गोगोई ने मोदी सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए तंज कसा कि आप सबका साथ-सबका विकास की बात करते हैं. मगर हमने देश में सिर्फ 6 पूंजी पतियों का विकास होते देखा है. उन्होंने कहा कि मैं उनका नाम नहीं लूंगा वर्ना आप लोग नाराज हो जाएंगे. पूरे भारत के व्यापार पर नजर डाली जाए तो 25 परसेंट पोर्ट, 45 परसेंट सीमेंट, 33 परसेंट स्टील, 60 परसेंट टेलीकॉम और 45 परसेंट कोल व्यापार पर इन्हीं लोगों का कब्जा है. इसके अलावा उन्होंने चीन के मुद्दे को भी उछाला.


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