भारत में 2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की करीब 4.5 लाख घटनाएं दर्ज की गई हैं, जो पिछले दो सालों के आंकड़ों से मामूली रूप से ज्यादा है. 29 सितंबर को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB की हालिया रिलीज रिपोर्ट में सामने आया है. यह रिपोर्ट भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (URT) के पुलिस थानों के आंकड़ों के आधार पर बनाई गई है. इसके मुताबिक, 2023 में भारत में 31,982 महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले दर्ज हुए.

Continues below advertisement

तो आइए ABP एक्सप्लेनर में समझते हैं कि भारत में महिलाओं के साथ अपराध के मामले क्या हैं, यह आंकड़े UPA सरकार में ज्यादा थे या NDA सरकार में और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम किए...

सवाल 1- NCRB की रिपोर्ट में महिलाओं के साथ अपराध के मामले क्या और कितने हैं?जवाब- NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में महिलाओं के खिलाफ कुल 4 लाख 48 हजार 211 अपराध दर्ज किए गए, जो 2022 में 4 लाख 45 हजार 256 मामलों और 2021 में 4 लाख 28 हजार 278 से ज्यादा है.

Continues below advertisement

इन आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय अपराध दर प्रति 1 लाख महिलाओं पर 66.2 घटनाएं हैं. 2023 में देश में इन मामलों में आरोप पत्र दाखिल करने की कुल दर 77.6% रही. महिलाओं पर शील भंग करने के इरादे से हमले के 83,891 मामले दर्ज किए गए, जिनकी दर 12.4% प्रति 1 लाख महिला थी, जबकि बलात्कार के 29,670 मामले दर्ज किए गए, जिनकी दर प्रति लाख महिलाओं पर 4.4% थी.

सवाल 2- बलात्कार के मामले किन राज्यों में सबसे ज्यादा हैं?जवाब- 2023 की NCRB रिपोर्ट के मुताबिक, बलात्कार के मामले इस तरह हैं...

  • महाराष्ट्र- 3,970 मामले
  • मध्य प्रदेश- 3,619 मामले
  • तमिलनाडु- 2,999 मामले
  • दिल्ली- 2,278 मामले
  • बिहार- 1,818 मामले

वहीं, उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा 66,381 मामले सामने आए, जिसमें बलात्कार के मामले भी शामिल हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बात करें तो उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में 47,101, राजस्थान में 45,450, पश्चिम बंगाल में 34,691 और मध्य प्रदेश में 32,342 मामले सामने आए.

सवाल 3- क्या UPA सरकार के दौरान बलात्कार के मामले ज्यादा थे?जवाब- UPA के शासनकाल में बलात्कार के मामले तेजी से बढ़े थे...

2004 में महिलाओं के साथ 16,075 बलात्कार के मामले सामने आए. तब प्रति 1 महिलाओं पर अपराध की दर 1.5% थी.2014 में 36,735 मामले दर्ज हुए और अपराध की दर 6.5% थी.

10 साल के शासनकाल में करीब ढाई लाख मामले सामने आए थे, यानी औसत 25 हजार अपराध हर साल दर्ज हुए. 2004 से 2014 तक 128% की तेजी से अपराध के मामले बढ़े थे. इसके बाद 2014 में NDA  की सरकार के बाद महिलाओं से बलात्कार के मामले 36,735 रहे.

सवाल 4- महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने क्या बड़े कदम उठाए?जवाब- सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई बड़े कदम उठाए...

1. आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 - बलात्कार की सजा को और सख्त किया.- 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के बलात्कार में मृत्युदंड का प्रावधान.- गैंग रेप में न्यूनतम सजा 20 साल से आजीवन की गई.- असर- सजा दर 2018-2022 में 27-28% थी जो 2023 में बढ़कर 54% हो गई.

2. निर्भया फंड का विस्तार- 2014-2023 में 7 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा आंवटन किया.- वन स्टॉप सेंटर्स यानी सखी की शुरुआत की. 2023 तक 700 से ज्यादा केंद्र खोले गए, जहां पीड़ितों को इलाज, कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता दी गई.- महिला हेल्पलाइन 181 शुरू की गई, जो सभी राज्यों में सक्रिय है.- दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों में CCTV और महिला पुलिस बूथ शुरू किए.

3. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ- लिंग अनुपात और महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ी.

4. फास्ट-ट्रैक स्पेशल कोर्ट्स- 2019 में इसे शुरू किया गया, 2023 तक 700 से ज्यादा कोर्ट्स खुल चुकी हैं.- बलात्कार और POCSO मामलों के लिए तेज सुनवाई प्रक्रिया शुरू हई, जिसमें 90 दिन में ट्रायल का लक्ष्य रखा गया.