बीते साल 2022 में टेक्नॉलॉजी की दुनिया में मेटावर्स ने खूब सुर्खियां बटोरीं. इसी साल की शुरुआत में ऑटोएक्सपो इवेंट ने इस बात पर मुहर लगा दी कि आने वाला वक्त मेटावर्स का है.


मेटावर्स कैसे हमारी दुनिया को बदलने वाला है इसको समझने से पहले ये जानना जरूरी है कि मेटावर्स है क्या? दरअसल ये एक आभासी दुनिया है. यहां हम किसी चीज को छू या महसूस नहीं कर सकते हैं. इसके लिए हाईस्पीड इंटरनेट और गैजेट्स की जरूरत पड़ती है. 


असल जिंदगी में हमें अमेरिका देखने के लिए वहां जाना पड़ेगा लेकिन मेटावर्स की दुनिया में हम इस देश की गली को देख सकते हैं. आसान शब्दों में समझें तो मेटावर्स एक आभासी दुनिया है जहां पर खुद मौजूद न होकर भी आप वहां रहते हैं. लेकिन अब इस दुनिया में भी नई-नई खोजें शुरू हो गई हैं.


दरअसल जब साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में ऑटो एक्सपो शुरू हुआ तो एमजी मोटर्स, हुंडई और मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों ने वहां आ रहे लोगों को मेटावर्स के जरिए अपनी कारों की खासियतों के अनुभव कराए. मतलब टेस्ट ड्राइव के लिए आपको कार चलाने की जरूरत नहीं थी. लेकिन मेटावर्स तकनीकी का इस्तेमाल करके आपको इस बात का अहसास कराया गया कि ये कार चलाने पर क्या अनुभव होगा.


ऑटो एक्सपो में एमजी मोटर्स की ओर से मेटावर्स तकनीक से और आगे जाते हुए मेगावर्स नाम का पवेलियन बनाया और जिसे कार-शोरूम में तब्दील कर दिया. इसमें एक 3डी कार कॉन्फ्रीग्रेटर भी था जिसके जरिए आपका हकीकत में अनुभव ले सकते हैं. 


इसके लिए एक चमत्कारी ग्लव्स या ये कह लें कि दस्ताने तैयार किए गए थे. यानी एक ऐसा डिवाइस जो वर्चुअल दुनिया को हकीकत में बदल देते हैं. आप एक ऐसी दुनिया में चले जाएंगे ऑग्युमेंटेड रियलिटी और वर्चुअल रियलिटी को मिलाकर बनी होगी. इन ग्ल्व्स की मदद से आप न सिर्फ ऑग्यूमेंटेड रियलिटी का अनुभव कर सकते हैं, वहां दिखने वाले चीजों को उठाकर एक जगह से दूसरी जगह पर भी ले सकते हैं. उन चीजों को फील भी कर सकते हैं. ऐसा करने पर आपको लगेगा जैसे आपने उसे सच में पकड़ रखा है.


इस तरह की खबरों को पढ़कर और जानकर मन में सवाल उठता है कि क्या सच में मेटावर्स हमारा जिंदगी जीने का तरीका बदल देगा या ये सिर्फ कल्पना है. अगर ये सच्चाई है तो किस तरह से हमारी जिंदगी को बदल देगी, क्या सिर्फ गेमिंग वर्ल्ड या मजे के लिए हम इसका इस्तेमाल करेंगे या फिर वास्तव में रोजगार और व्यवसाय जैसी जरूरी बातों को भी बदल देगा. 



इस एनीटेकमेटा के सीईओ अभिषेक त्यागी ने जानकारी दी कि मेटावर्स हमारी जिंदगी को सच में बदल देगा और ये आने वाले कल की सच्चाई है. मेटावर्स के अस्तित्व में आने के बाद हमारे बातचीत करने, काम करने और खेलने के तरीके में जबरदस्त बदलाव होंगे.
 
यह एक नई डिजिटल दुनिया का निर्माण करेगा जहां लोग उन तरीकों से जुड़ सकते हैं और सहयोग कर सकते हैं जो पहले पहले कभी संभव नहीं था. मेटावर्स बिजनेस वर्ल्ड, मनोरंजन, शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रहा है.


अभिषेक का कहना है कि मेटावर्स वास्तविक और वर्चुअल के बीच की दूरी को मिटा देगा. साफ शब्दों में कहें तो मनोरंजन के तरीके को बदल देगा. उन्होंने बताया कि अभी तक हम इंटरनेट पर अपनी आवाज, फोटो और वीडियो भेज रहे थे लेकिन अब मेटावर्स में हम अपना 'अवतार' भेज सकते हैं.


उन्होंने कहा कि इसमें इंटरनेट शामिल है तो टेक्नॉलॉजी के बिजनेस में बूम आना तय है. इसके साथ ही ये गेमिंग वर्ल्ड, मल्टीप्लेयर और सोशल गेमिंग के लिए भी नए मौके लेकर आएगा. 


मेटावर्स से बिजनेस करने का तरीका बदल जाएगा, अभी जहां हम ई-कॉमर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं मेटा के आने पर हम वर्चुअल स्टोर्स और कॉमर्स का भी इस्तेमाल कर पाएंगे. यानि आप घर पर बैठे बैठे अपरने फेवरेट ब्रांड के कपड़े ट्राय कर रहे होंगे.


अभिषेक ने साफ तौर पर हमें बताया कि मेटावर्स व्यवसाय और ब्रांडों के लिए एक गेम-चेंजर है. हमें जल्द से जल्द इस सच को मान लेना चाहिए और खुद को इसके लिए तैयार करना चाहिए.


मेटावर्स के लिए करनी होगी तैयारी
मान लिया कि मेटावर्स से हमारे जीने का तरीका बदल जाएगा लेकिन आगे बहुत चुनौतियां भी हैं. जिस तरह से इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने से बैंक फ्रॉड और तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेंलिंग जैसे साइबर अपराध बढ़े हैं कहीं मेटावर्स के आने पर भी क्राइम कोई नई शक्ल तो नहीं अख्तियार करेगा. इसको लेकर भी सरकार को पॉलिसी बनानी पड़ेगी.