भारत ने बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग टेरर कैंपों को निशाना बनाया है. कर्नल सोफिया कुरैशी ने इस स्ट्राइक के हुए बाद एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि इन कैंपों का चयन विश्वसनीय इंटेलिजेंस के आधार पर किया गया था ताकि आतंकवादियों की गतिविधियों को रोकने में मदद मिल सके.

इन कैंपों से विभिन्न आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया गया था. आइए जानते हैं, इन कैंपों से कौन-कौन सी आतंकवादी गतिविधियां जुड़ी थीं.

जानें इन कैंपों के बारे में  

1. बहावलपुर (पंजाब प्रांत, पाकिस्तान): बहावलपुर, जो भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है, जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था. यहां से 'हमास' के कमांडर्स के साथ मिलकर पहलगाम हमले की साजिश रची गई थी.

2. मुरीदके (पंजाब प्रांत, पाकिस्तान): मुरीदके जो सीमा से 30 किलोमीटर दूर है 'लश्कर-ए-तैयबा' का हेडक्वार्टर है. यहां से 26/11 मुंबई हमले के आतंकवादी कसाब और डेविड हेडली को ट्रेनिंग दी गई थी.

3. गुलपुर (पुंछ-राजौरी, पाकिस्तान): कोटली से 35 किलोमीटर दूर स्थित गुलपुर से ही 20 अप्रैल 2023 को पुंछ में हुए हमले और 24 जून को बस में यात्रा कर रहे तीर्थयात्रियों पर हमले की साजिश रची गई थी.

4. लश्कर शिविर सवाई (पीओजेके, तंगधार सेक्टर): यह कैंप मुजफ्फराबाद के करीब है और यहां से कई आतंकी हमलों की साजिश रची गई थी. इनमें 20 अक्टूबर 2024 को सोनमर्ग हमला, 24 अक्टूबर 2024 को गुलमर्ग हमला और 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम हमला शामिल हैं.

5. बिलाल कैंप (जैश-ए-मोहम्मद): बिलाल कैंप जैश-ए-मोहम्मद का एक प्रमुख लॉन्चपैड था, पाकिस्तान में आतंकवादियों की ट्रेनिंग का केंद्र था.

6. राजौरी के सामने लश्कर कोटली कैंप: यह कैंप लश्कर का बॉम्बर कैंप था, जिसमें लगभग 50 आतंकवादियों की ट्रेनिंग दी जाती थी. यह कैंप*राजौरी के सामने नियंत्रण रेखा से 15 किलोमीटर दूर स्थित था.

7. बरनाला कैंप (राजौरी के सामने): यह कैंप राजौरी के सामने नियंत्रण रेखा से 10 किलोमीटर दूर स्थित है और भिंबर में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा हुआ था.

8. सरजाल कैंप (जैश-ए-मोहम्मद): सरजाल कैंप सांबा-कठुआ के सामने अंतरराष्ट्रीय सीमा से 8 किलोमीटर दूर स्थित है, यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य कैंप था. मार्च में यहां से हमले करने वाले आतंकवादियों ने पुलिस के चार जवानों को मार डाला.

9. महमूना कैंप (सियालकोट): महमूना कैंप सियालकोट के पास स्थित है. यह हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख ट्रेनिंग कैंप था. यहां से पठानकोट एयर बेस पर हमला किया गया था.

ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है. इन कैंपों से भारत पर हमले और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया गया था. भारत की यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत कदम है और यह दिखाता है कि भारत आतंकवाद के नेटवर्क को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.