देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो की पिछले 4 दिनों में 1700 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल होने के बाद केंद्र सरकार शुक्रवार को बैकफुट पर आ गई है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एयलाइंस, खासकर इंडिगो को 10 फरवरी 2026 तक अस्थायी राहत दी है. वीकली रेस्ट के बदले कोई भी छुट्टी नहीं देने के फैसले को वापस ले लिया.

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 पिछले कई दिनों से इंडिगो की उड़ानें बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं. आज यानी 5 दिसंबर सबसे खराब दिन रहा, जब 1000 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो गईं. रोजाना आधे से ज्यादा शेड्यूल पर असर पड़ रहा है. कल (6 दिसंबर) से कैंसिलेशन 1000 से कम हो जाएंगी. यानी DGCA से FDTL में छूट मिलने से रिकवरी में मदद मिल रही है. इंडिगो का कहना है कि फ्लाइट ऑपरेशन नॉर्मल होने में 15 दिसंबर तक का समय लगेगा.

सरकार ने हाई लेवल कमेटी बनाईनागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने बताया कि सरकार ने इस पूरे घटनाक्रम पर उच्चस्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं, ताकि इस संकट के कारण और जिम्मेदारी तय की जा सके. उन्होंने कहा कि अगले तीन दिनों में इंडिगो की उड़ानें पूरी तरह सामान्य हो जाएंगी.

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इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने कहा, 'इंडिगो की फ्लाइट्स रद्द होने और देरी से चलने के लिए हम सभी से माफी मांगते हैं. पूरा सिस्टम रिबूट हो रहा है. हालात सामान्य होने में वक्त लगेगा. 10 से 15 दिसंबर तक हालात सामान्य हो सकेंगे. पिछलें कुछ दिनों में ज्यादा दिक्कतें आई हैं. आज 1 हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द हुई हैं.'

फ्लाइट्स टिकट के दाम 10 गुना बढ़ेयात्रियों को ऑप्शनल फ्लाइट्स की तलाश में सामान्य से 10 गुना कीमत तक पर टिकट खरीदने पड़ रहे हैं. बुकिंग साइट MakeMyTrip के अनुसार, 6 दिसंबर को दिल्ली से बेंगलुरु की सबसे सस्ती फ्लाइट का किराया 40,000 रुपए से ज्यादा है, जबकि कुछ फ्लाइट्स का किराया 80,000 रुपए तक हैं.

दरअसल इंडिगो शुक्रवार को लगातार चौथे दिन क्रू मेंबर्स की कमी से जूझ रही है. इसके कारण दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद सहित कई एयरपोर्ट पर 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं. यात्री 24-24 घंटे से फ्लाइट का इंतजार कर रहे हैं. दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्री पानी, खाना और जरूरी सामानों के लिए स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों से बहस करते और झगड़ा करते देखे गए.

इंडिगो का दावा- सरकारी नियमों से हुई परेशानीइंडिगो का दावा है कि इस नियम की वजह से पायलटों और अन्य स्टाफ की कमी हुई थी और पूरा ऑपरेशन प्रभावित हुआ. इसे दुरुस्त करने समय लगेगा. DGCA ने 1 नवंबर से पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के काम से जुड़े नियम, फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) का दूसरा फेज लागू किया था. पहला चरण 1 जुलाई को लागू हुआ था.

FDTL के दूसरे फेज के नियमों में, एयरलाइन कंपनियों के लिए पायलटों को हफ्ते में 48 घंटे आराम, यानी दो दिनों का वीकली रेस्ट देना अनिवार्य कर दिया था. इस दौरान किसी छुट्टी को वीकली रेस्ट गिनने पर रोक लगा दी थी. DGCA ने पायलटों और अन्य क्रू मेंबर्स के लगातार नाइट शिफ्ट पर भी पाबंदी लगाई थी.