जल्द ही देसी तकनीक पर आधारित जाइडस कैडिला की वैक्सीन लोगों के लिए मिलने लगेगी ऐसी उम्मीद है. इस वैक्सीन को 12 साल से ऊपर के बच्चों को भी दी जाएगी. जाइडस कैडिला ने इसका ट्रायल पूरा कर लिया है और इसके बाद Drugs Controller General of India (DCGI) से इसके इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए आवेदन दिया था. उम्मीद है कि डीसीजीआई इस सप्ताह जाइडस कैडिला की इस वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अपनी हरी झंडी दिखा सकती है. वैक्सीन की जांच वयस्कों के साथ-साथ 12 साल से ऊपर के बच्चों पर भी की गई है. एक अधिकारी का कहना है कि डीसीजीआई अगर जाइडस कैडिला के डेटा से संतुष्ट हो जाता है तो इसके इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी जा सकती है. 

फेज-3 डाटा से संतुष्ट होना जरूरीकैडिला द्वारा उपलब्ध कराए गए डाटा का डीसीजीआई की subject expert committee (SEC) परीक्षण कर रही है. अगर कमिटी को वैक्सीन के फेज-3 डाटा का निष्कर्ष संतोषजनक लगा तो इस सप्ताह ही इसकी मंजूरी मिल जाएगी.  कंपनी ने वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा प्रस्तुत किया है, जिसमें 28,000 से अधिक वॉलंटियरों ने भाग लिया था. सूत्रों का कहना है कि अंतरिम डेटा में वैक्सीन सुरक्षा और प्रभावकारिता के मानकों पर खड़ी उतरी है. अगर इस सप्ताह इसकी मंजूरी मिल जाती है तो अगस्त से इस वैक्सिन की सप्लाई होने लगेगी और वयस्कों के साथ-साथ बच्चों को भी यह वैक्सीन लगने लगेगी. 

एक महीने में एक करोड़ वैक्सीन बनेगीइससे पहले  National Technical Advisory Group on Immunization (NTAGI) के चेयरपर्सन डॉ एन के अरोड़ा ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि सितंबर के आखिर तक 12 से 18 की उम्र वाले बच्चों को जाइडस कैडिला की वैक्सीन दी जाने लगेगी. जाइडस ग्रुप के मैनेजिंग डाइरेक्टर डॉ शर्विल पटेल ने बताया कि डीसीजीआई से मंजूरी मिलते ही कंपनी वैक्सीन की सप्लाई शुरू कर देगी. उन्होंने बताया कि कंपनी शुरुआत में एक करोड़ डोज प्रति महीने की दर से वैक्सीन बनाएंगी. इसके बाद इसके निर्माण में इजाफा किया जाएगा.  

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