नई दिल्ली: गोरखपुर का बीआरडी अस्पताल मासूम बच्चों की कब्रगाह बनता जा रहा है. सिर्फ अगस्त महीने में अस्पताल में भर्ती 386 बच्चों की मौत हुई है. इसमें 36 मौत तो ऑक्सीजन की कमी से हुई थी जिस पर बड़ा हंगामा मचा था. बाकी बच्चों की मौत इंफेलाइटिस से हुई है. 386 बच्चों में से एनआईसीयू में भर्ती 215 औऱ पीआईसीयू में 171 बच्चे शामिल हैं.


क्या सरकार पालेगी बच्चों को?
मासूमों की मौत पर उठ रहे सवालों के बीच उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बेहद शर्मनाक बयान दिया है. लखनऊ में एक कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''हम लोगों ने अपनी जिम्मेदारी सरकार पर डाल दी है जैसे हम सभी जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए हों. मुझे तो कभी कभी लगता है कि एक समय के बाद ऐसा ना हो कि लोग अपने बच्चों को एक-दो साल का होते ही सरकार के भरोसे  छोड़ दें कि अब सरकार इन बच्चों का पालन पोषण करे.''


बनारस में भी योगी दे चुके हैं विवादित बयान
आपको बता दें कि कुछ पहले ही सीएम आदित्यनाथ बनारस के दौरे पर गए थे. यहां उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू नाम की बीमारी का होवा सिर्फ लोगों ने बना रखा है.


72 घंटों में 61 मासूमों की मौत, प्रिंसिपल ने कहा- इस मौसम में यही हाल होता है
आपको बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है. पिछले 72 घंटों में 61 बच्चों की मौत. बीआरडी अस्पताल के प्रिंसिपल पीके सिंह ने कहा इस मौसम में हर साल यही हाल होता है. इसी महीने दो हफ्ते पहले बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से 30 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी. सरकार ने ऑक्सीजन कमी की बात नहीं मानी थी.


स्वास्थ्य मंत्री भी बता चुके हैं अगस्त को जिम्मेदार
उस वक्त जांच के लिए गोरखपुर गए उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बच्चों की मौत के लिए अगस्त के महीने को ही जिम्मेदार बताया था. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आंकड़े पेश करते हुए कहा था कि अगस्त महीने में बच्चों की मौत होती है.