Yog Guru Ramdev on Waqf Amendment Act : योग गुरु स्वामी रामदेव ने रविवार (6 अप्रैल) को वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने को 'ऐतिहासिक निर्णय' बताया. उन्होंने कहा कि भारत में सभी धर्मों के लिए एक संविधान और एक कानून की व्यवस्था है, जिसे वक्फ कानून से और मजबूती मिलेगी.

स्वामी रामदेव ने हरिद्वार में रामनवमी के पर्व पर न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि देश में हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई, जैन व बौद्ध, सबके लिए एक संविधान, एक कानून की व्यवस्था है और वक्फ कानून बनने से इस व्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

उन्होंने कहा कि “अगर वक्फ कानून नहीं बनता तो देश में विभिन्न समुदाय के लोग अलग-अलग बोर्ड बनाने की मांग करते.” रामदेव ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल वोटों की राजनीति के लिए वक्फ विधेयक का विरोध कर रहे हैं.

संसद में तीखी बहस के बाद राष्ट्रपति ने विधेयक को दी अनुमति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार (5 अप्रैल) को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसे पिछले सप्ताह संसद ने तीखी चर्चा के बाद पारित किया था.

वोट बैंक के ध्रुवीकरण के लिए पार्टियां लगातीं है पाबंदियां

पश्चिम बंगाल में रामनवमी शोभायात्रा से पाबंदी हटाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पाबंदियां राजनीति से प्रेरित होकर वोट बैंक के ध्रुवीकरण के लिए लगाई जाती हैं. उन्होंने कहा कि रामनवमी, जन्माष्टमी और ईद आदि धार्मिक पर्वों पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए.

योग गुरु ने कहा कि भारत राम, कृष्ण, हनुमान, शिव का देश है जहां सबका आदर है. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व किसी से घृणा नहीं करता. रामदेव ने कहा कि मुसलमान भी अपना ईमान और मजहब मानें लेकिन उन्हें भी पता है कि राम उनके भी पूर्वज हैं.

योग गुरु ने बताया कि रामनवमी के पर्व पर योग के लिए समर्पित संस्था दिव्य योग मंदिर राममुलख दरबार ने पतंजलि योगपीठ में अपना विलय कर दिया है. इस संबंध में उन्होंने बताया कि योग की परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए योगाचार्य स्वामी लाल महाराज ने ऐसा करके अपनी आहुति पतंजलि योगपीठ को अर्पित की है.

राम हमारे राष्ट्र हैं, धर्म हैं और मर्यादा हैं- रामदेव

स्वामी रामदेव ने कहा, “राम हमारे राष्ट्र हैं, धर्म हैं, संस्कृति हैं, हमारी मूल प्रकृति हैं, मर्यादा हैं.” उन्होंने कहा, “हमारा राष्ट्र ऐसा बने जहां कोई रोगी, दु:खी और दरिद्र न हो और किसी मनुष्य में किसी प्रकार की नफरत या बैर न हो, तभी रामराज्य की स्थापना हो सकेगी.”