बेंगलुरू: कल कर्नाटक में येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने के 25 दिन बाद कैबिनेट का विस्तार होने जा रहा है.हालांकि अबतक कैबिनेट में शामिल होने वाले नेताओं का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है. मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले विधायक दल की बैठक कल सुबह करीब 10 बजे होगी. बता दें कि शपथ लेने के बाद 29 जुलाई को विधानसभा में येदियुरप्पा ने अपनी सरकार का बहुमत साबित किया था.
कैबिनेट में मंत्रियों की लिस्ट को सार्वजनिक तो नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि जगदीश शेट्टर, उमेश कट्टी, मधु स्वामी, बसवराज बोम्मई, वी सोमन्ना और शशिकला जोले को जगह मिल सकती है. ये नेता लिंगायत समुदाय से हैं. एससी वर्ग से आने वाले गोविंद कर्जोल और एस अंगारा, वाल्मीकि समुदाय से श्रीरामलू, शिवन्ना गौड़ा नायक और बालाचंद्र जारकीहोली, इसके साथ ही एमएलसी कोटा से श्रीनिवास पुजारी, वोक्कलीगा समुदाय से आर अशोक और ब्राह्मण कम्युनिटी से आने वाले सुरेश कुमार को कैबिनेट में जगह मिल सकती है.
कर्नाटक की राजनीति में जातिवाद हमेशा ही हावी रहा है. यही वजह है कि पार्टियां अपने कैबिनेट में भी इसे बैलेंस करती दिखती हैं. कर्नाटक में सबसे ज्यादा और मजबूत वोट बैंक लिंगायतों को माना जाता है. ये अब तक बीजेपी के साथ मजबूती के साथ डटे रहे हैं. यही वजह है कि बीजेपी के कैबिनेट में सबसे ज्यादा चेहरे लिंगायत के हो सकते हैं. राज्य की आबादी में करीब 19 फीसदी लिंगायत हैं जबकि वोककलिगा करीब 14 फीसदी है. ओबीसी कुल मिलाकर 20 फीसदी जिसमें कुरबा सात फीसदी है. अनुसूचित जाति की आबादी 19.5 फीसदी है जबकि अल्पसंख्यक करीब 16 फीसदी हैं.
26 जुलाई को येदियुरप्पा ने चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. इससे पहले महीनों तक राज्य में सियासी उठापटक चलती रही और नतीजतन जेडीएस और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार गिरने के बाद बीजेपी की सरकार बनी.
दूसरी ओर कर्नाटक में फोन टैपिंग स्कैंडल का मामला भी गरमाया हुआ है, जिसे मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग मामले में उच्च स्तरीय जांच की जाएगी. गठबंधन की सरकार के दौरान कई बीजेपी नेता, ब्यूरोक्रेट्स और पत्रकारों के फोन टैप करने का मामला सामने आया है.