रांचीः चक्रवाती तूफान ‘यास’ बुधवार रात 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं और भारी बारिश के साथ झारखंड की सीमा में पहुंच गया. चक्रवात के कारण गुरुवार दोपहर तक तूफान के चलते कोल्हान इलाके में 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है.


चक्रवात के मद्देनजर राज्य में लोगों को अगले चौबीस घंटे घरों में ही रहने को कहा गया है और कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, पश्चिमी सिंहभूम, बोकारो के अलावा खूंटी और पश्चिमी सिंहभूम जिलों में निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम लगातार जारी है. अब तक दस हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया है.


झारखंड के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डा. अमिताभ कौशल ने बताया कि बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान यास बुधवार रात लगभग साढ़े आठ बजे झारखंड की सीमा में प्रवेश कर गया.


इस बीच बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘यास’ का प्रभाव झारखंड पर पड़ने की आशंका को देखते हुए बुधवार को इससे बचाव के लिए राज्य सरकार ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. झारखंड सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग के उच्चस्तरीय बैठक में मंगलवार को मुख्यमंत्री को आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने चक्रवाती तूफान ‘यास’ के झारखंड में पड़ने वाले असर, बचाव और राहत को लेकर की गई तैयारियों से अवगत कराया।.


राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओऱ से दिए गए निर्देशों के तहत चक्रवाती तूफान से बचाव और राहत को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं जिसके तहत अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित नहीं हो इसके लिए जेनरेटर आदि की व्यवस्था की गई है.


उन्होंने बताया कि भारी बारिश के कारण कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की आशंका है, ऐसे में लोगों को ठहरने के लिए शिविर की व्यवस्था की गई है. भारी बारिश से स्वर्णरेखा नदी के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है ऐसे में अधिकारियों को इन इलाकों की लगातार निगरानी करने को कहा गया है.


उन्होंने बताया कि छह हजार से अधिक लोगों को तूफान के प्रभाव वाले क्षेत्रों में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और लगातार प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी अधिकारी नजर बनाये हुए हैं. कौशल ने ‘पीटीआई- भाषा’ को बताया कि तूफान से प्रभावित होने की आशंका वाले जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बलर (एनडीआरएफ) की आठ कंपनियां तैनात की गयी हैं.


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