Indian Olympic Association: लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता रेसलर योगेश्वर दत्त ने शुक्रवार (23 जून) को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) पर निशाना साधा. उन्होंने एशियाई गेम्स और वर्ल्ड चैम्पियनशिप के लिए होने वाले ट्रायल से विरोध-प्रदर्शन करने वाले छह पहलवानों को छूट देने को लेकर आईओए के एड हॉक पैनल पर निशाना साधा. साथ ही योगेश्वर ने संघ से सवाल किया कि क्या ये पहलवान इस तरह का समर्थन पाने के लिए आंदोलन कर रहे थे?


पैनल ने 16 जून को रेसलर विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, उनकी पत्नी संगीता फोगाट, साक्षी मलिक, उनके पति सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा को बताया था कि उन्हें भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए अपनी-अपनी श्रेणियों में ट्रायल के विजेताओं का मुकाबला करना होगा.


'जूनियर पहलवानों के साथ अन्याय हुआ'
पैनल ने छह पहलवानों से यह भी वादा किया कि उनके अनुरोध के अनुसार उनका एक-मुकाबले वाला ट्रायल अगस्त में आयोजित किया जाएगा. बीजेपी नेता योगेश्वर दत्त ने कहा कि भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता वाली समिति ने ऐसा कदम उठाकर देश के जूनियर पहलवानों के साथ अन्याय किया है.


'...तो कई अन्य योग्य उम्मीदवार भी थे' 
उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो जारी करते कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा है कि ट्रायल के बारे में निर्णय लेने में एड हॉक पैनल ने किन मानदंडों का पालन किया है. वह भी सभी छह पहलवानों के लिए." उन्होंने कहा कि अगर पैनल को ट्रायल के लिए छूट देनी थी तो कई अन्य योग्य उम्मीदवार भी थे.



निरीक्षण समिति का हिस्सा थे योगेश्वर 
बता दें कि योगेश्वर दत्त रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने के लिए खेल मंत्रालय द्वारा नियुक्त छह सदस्यीय निरीक्षण समिति का हिस्सा थे. उन्होंने कहा, "रवि दहिया ओलंपिक रजत पदक और राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक विजेता भी हैं. दीपक पूनिया राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता हैं, अंशू मलिक विश्व चैम्पियनशिप का रजत पदक विजेता हैं, सोनम मलिक ने भी कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है."


अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान
उन्होंने कहा, "मुझे समझ नहीं आता कि इन छह पहलवानों को छूट क्यों दी गई है. यह बिल्कुल गलत है. पिछले डब्ल्यूएफआई प्रणाली में भी ऐसा नहीं किया गया था." राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले 40 वर्षीय योगेश्वर ने जूनियर पहलवानों, उनके कोच और अभिभावकों से इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया.


पहलवान योगेश्वर दत्त ने कहा, "मैं सभी ग्रीको रोमन, पुरुष फ्री स्टाइल और महिला पहलवानों से अनुरोध करता हूं कि वे इस भेदभाव के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं. आप भी धरने पर बैठें, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और आईओए को पत्र लिखें." उन्होंने खाप पंचायतों, किसान संगठनों से घटनाक्रम पर ध्यान देने की अपील की और उनसे पहलवानों के इरादों को समझने को कहा.


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