Brij Bhushan Sharan Singh Case: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ 6 महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन शोषण के आरोपों पर दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. बीजेपी नेता की ओर से कोर्ट में पेश वकील राजीव मोहन ने कोर्ट को बताया कि एथलीट ने तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, क्योंकि उन्होंने अनियमितताओं और खेल पर ध्यान न देने के कारण पहलवान की जांच की थी.
राजीव मोहन ने कोर्ट में तर्क देते हुए आगे कहा कि ये आरोप एक पहलवान के खिलाफ बृजभूषण सिंह की अनुशासनात्मक कार्रवाइयों से उपजे हैं. उनका ध्यान खेल पर कम और सोशल मीडिया पर ज्यादा था. सुनवाई के दौरान, मोहन ने टिप्पणी की कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि बृजभूषण के खिलाफ ऐसे आरोप लगाए जाएंगे क्योंकि उन्होंने पहलवान की गई अनियमितताओं और उनके ट्वीट के लिए उन्हें डांटा था.
कोर्ट में क्या बोले राजीव मोहन?
उन्होंने कोर्ट में कहा, “अगर मैं आपको ट्वीट के लिए डाटूंगा, अनियमितताओं की ओर इशारा करूंगा, तो यह बिल्कुल स्पष्ट है कि केवल ऊपर ये आरोप आना ही आना है.” वकील ने कहा कि पहलवान खेल पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय ट्वीट करने पर ध्यान केंद्रित कर रही थी और बृज भूषण ने उससे पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रही है. बृजभूषण के वकील ने कोर्ट को आगे बताया, “खेलने में कम ध्यान है, ट्वीट्स कर रहे हो आप, मुझपर आरोप लगा रहे आप.”
अधिवक्ता मोहन ने कहा कि दर्ज किए गए इतने सारे बयानों को ध्यान में रखते हुए, आरोप तय करने के चरण में, अभियोजन पक्ष को यह दिखाना चाहिए कि वे किस पर भरोसा कर रहे हैं. एक शिकायतकर्ता की ओर से बृज भूषण पर एथलीटों की पल्स जांचने के दौरान अनुचित यौन व्यवहार का आरोप लगाने का जिक्र करते हुए, मोहन ने कहा कि उनकी पल्स की जांच करना उन्हें छूने से जुड़ा हुआ है, लेकिन अगर कोई यौन इरादा नहीं है तो उनकी नाड़ी की जांच करना यौन अपराध नहीं है.
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