World Organ Donation Day:  विश्व अंग दान दिवस (World Organ Donation Day) के मौके पर खालसा कॉलेज (Khalsa college) और एसआईईएस कॉलेज (SIEAS) के 200 से अधिक छात्रों ने अंग दान करने की शपथ ली. मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल परेल ने विश्व अंग दान दिवस 2022 पर #GiftALifeAfterLife अभियान शुरू किया है. मौजूदा आंकड़ों और विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, भारत हर साल प्रत्यारोपण के लिए अंग की भारी कमी से जूझ रहा है. एक वर्ष में केवल कुछ प्रत्यारोपण किए जाते हैं और हर 10 मिनट में एक नया नाम वेटिंग लिस्ट में जोड़ा जाता है.
 

भारत में प्रति मिलियन यानी 10 लाख व्यक्तियों पर 0.8 लोगों की अंगदान दर है, जो दुनिया में सबसे कम है. एक अरब से अधिक लोगों के देश में, एक लाख में एक अंग दाता भी नहीं है. अंगों की उपलब्धता बढ़ाने जीवनदान देने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, मल्टी-ऑर्गन ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ ग्लोबल हॉस्पिटल ने गुरु नानक खालसा कॉलेज और एसआईईएस कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स के विद्यार्थियों में अभियान चलाया. 

 

डॉक्टरों ने क्या कहा? 

 

छात्रों के साथ कार्यशाला के दौरान ग्लोबल अस्पताल परेल के डॉक्टर ने अंगदान के महत्व पर जोर दिया और अंगदान के बारे में आम सवालों को दूर किया. अधिक लोगों की जान बचाने के प्रयास में, विश्व अंग दान दिवस मृत या जीवित दाताओं द्वारा स्वस्थ अंगों के दान को बढ़ावा देता है. अंग दान, जैसे कि गुर्दा, हृदय, अग्न्याशय, आंखें, फेफड़े आदि, पुरानी स्थितियों वाले लोगों को लंबा जीवन जीने में मदद कर सकते हैं.
  

   

अंगदान के महत्व पर ग्लोबल हॉस्पिटल परेल के सीनियर कंसल्टेंट प्लास्टिक, हैंड एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी  डॉ नीलेश सातभाई ने कहा, “आपने कभी सोचा है की अंगदान का निर्णय लेकर कितने जीवन बचाए जा सकते हैं? एक अंग दाता संभावित रूप से आठ लोगों की जान बचा सकता है. हर साल 5 लाख लोग अंगों की प्रतीक्षा, उम्मीद और प्रार्थना करते हुए मर जाते हैं क्योंकि पर्याप्त अंग उपलब्ध नहीं होते. मैं ग्लोबल हॉस्पिटल को इस महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाने का मौका देने के लिए दोनों कॉलेजों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं."

 

ग्लोबल हॉस्पिटल के डॉ. उदय सालोडकर, सीनियर कंसल्टेंट- हेपेटोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट ने कहा, "यह समझना अनिवार्य है कि, एक स्वस्थ जीवित दाता द्वारा दान किया गया लिवर शरीर का एकमात्र अंग है जो समय के साथ अपने सामान्य आकार में पुन: प्राप्त हो सकता है. आमतौर पर, लिवर डोनर एक स्वस्थ जीवन जी सकता है और अपने लिवर का हिस्सा दान करने के बाद अपनी दैनिक गतिविधियां भी कर है. जिन लोगों को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, उनमें से ज्यादातर लोग मृतक डोनर के लिवर के इंतजार में कई महीने या साल बिता देते हैं. हालांकि, अंतिम चरण की जिगर की बीमारी वाले लोगों के लिए जीवित यकृत दान सबसे अच्छा विकल्प है." विश्व अंग दान दिवस के मौके पर छात्रों ने और अस्पताल ने अपील की के अंग दान को अधिक महत्व दिया जाए. 

 

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