नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को लेकर बड़ा संकेत दिया है. प्रधानमंत्री ने कल एक निजी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि सरकार का लक्ष्य 99% सामानों को 18% से कम के जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) स्लैब में लाना है. इसके साथ ही उन्होंने बैंक का कर्ज नहीं चुकाने वालों और भगोड़ों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जीएसटी से पहले पंजीकृत उद्योगों की संख्या 65 लाख थी, जिसमें अब 55 लाख की बढ़ोतरी हुई है. आज जीएसटी प्रणाली काफी हद तक स्थापित हो चुकी है और हम एक ऐसी प्रणाली की दिशा में काम कर रहे हैं, जहां 99 फीसदी वस्तुओं को 18 फीसदी के कम के स्लैब में लाया जा सकता है."
बता दें कि अभी जीएसटी के चार स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% हैं. सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब 28% की बात करें तो इसमें अभी 35 गुड्स और सर्विसेस हैं. इनमें वीडियो रिकॉर्डर, डिश वॉशर, सीमेंट, एसी, डिजिटल कैमरा, 68 सेमी से बड़े टीवी, एयरक्राफ्ट, कोल्ड ड्रिंक्स, ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स, रेस क्लब, गैंबलिंग, तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला, 5 स्टार या इससे ऊपर के होटल में रहना, इंटर-स्टेट लॉटरी जैसी 35 गुड्स और सर्विसेस शामिल हैं.
आर्थिक भगोड़ों को छोड़ा नहीं जाएग- पीएम एक कठोर चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि आर्थिक भगोड़ों और बैंकों के डिफाल्टर्स को बख्शा नहीं जाएगा, और उन पर दिवाला एवं दिवालियापन संहिता 2016 (आईबीसी), भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 और अन्य के तहत कार्रवाई की जाएगी, जो पहले कानून से बचकर निकल जाते थे.
उन्होंने कहा, "चार साल पहले किसने सोचा था कि (अगस्ता वेस्टलैंड) हेलीकॉप्टर घोटाले के मुख्य संदिग्ध क्रिश्चियन मिशेल को भारत लाया जाएगा?" मोदी ने कहा, "पहले, जब कंपनियां कर्ज नहीं चुका पाती थीं, तो कुछ नहीं होता था..उनके पास 'खास परिवार' का 'सुरक्षा चक्र' था..आईबीसी के साथ यह खत्म हो गया है." पीएम मोदी ने पिछले पांच सालों की देश की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि देश 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की तरफ पहला कदम बढ़ा रहा है.
उन्होंने कहा, "सर्जिग इंडिया, ये दो शब्द 130 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का प्रकटीकरण हैं. ये वो अहसास हैं, वो वाइब्रेशंस हैं, जो आज पूरी दुनिया अनुभव कर रही है. भारत की अर्थव्यवस्था हो, भारत की प्रतिभा हो, भारत की सामाजिक व्यवस्था हो, भारत के सांस्कृतिक मूल्य हों या फिर भारत की सामरिक ताकत, हर स्तर पर भारत की पहचान और मजबूत हो रही है."
मोदी ने कहा, "क्या चार साल पहले किसी ने सोचा था कि देश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में 142 से 77 पर आ जाएगा, भारत टॉप 50 में आने की ओर तेज गति से कदम रख रहा है. क्या चार साल पहले किसी ने सोचा था कि भारत में एसी ट्रेन में चलने वाले लोगों से ज्यादा लोग हवाई सफर करने लगेंगे? हवाई जहाज में बैठे होंगे? क्या चार साल पहले किसी ने सोचा था कि रिक्शा चलाने वाला भी, सब्जी वाला भी और चायवाला भी भीम एप का इस्तेमाल करने लगेगा, अपनी जेब में रूपे डेबिट कार्ड रखकर अपना आत्मविश्वास बढ़ाएगा?"
उन्होंने कहा, "क्या चार पहले किसी ने सोचा था कि भारत का एविएशन सेक्टर इतना तेज आगे बढ़ेगा कि कंपनियों को एक हजार नए हवाई जहाज का ऑर्डर देना पड़ेगा? और आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारे देश में आजादी से अबतक कुल 450 हेलीकॉप्टर हैं, प्राइवेट हों, पब्लिक हों, सरकारी हों, कुछ भी हो. क्या चार साल पहले किसी ने सोचा था कि भारत में नेशनल वॉटरवेज एक सच्चाई बन जाएंगे, कोलकाता से एक जहाज गंगा नदी पर चलेगा और बनारस तक सामान लेकर आएगा? क्या चार साल पहले किसी ने सोचा था कि हम भारत में ही बनी, बिना इंजन वाली एसी ट्रेन का परीक्षण कर रहे होंगे, जो 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर दौड़ेगी?"
मोदी ने कहा, "क्या किसी ने सोचा था कि भारत एक बार 100 उपग्रहों का प्रशेक्षण करेगा, और गगनयान मिशन की तरफ बढ़ेगा?" भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गगनयान मिशन का लक्ष्य 2022 तक अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाना है. इस सम्मेलन में शीर्ष राजनीतिक हस्तियों के बीच बहस भी हुई.
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