जम्मू: करीब डेढ़ सौ साल पुरानी प्रथा को जिंदा रखते हुए जम्मू में सोमवार को सचिवालय ने कामकाज शुरू हुआ. उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सचिवालय खुलने पर सलामी ली.
जम्मू कश्मीर में करीब 150 साल पुरानी दरबार मूव प्रथा के तहत सोमवार को जम्मू में नागरिक सचिवालय खुला. कश्मीर में करीब छह महीने तक काम काज करने के बाद 30 अक्टूबर को सचिवालय के सभी दफ्तर बंद ही गए थे. जो सोमवार को में जम्मू में प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के सलामी लेने के साथ ही खुल गया.
जम्मू में सचिवालय खुलने से पहले सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए है, ताकि सचिवालय के कामकाज में किसी तरह की दिक्कत ना हो. इस साल प्रदेश में करोना महामारी के चलते जम्मू से श्रीनगर के दरबार मूव में देरी हुई थी. दर्शन जम्मू कश्मीर में दरबार मुस्तफा को कहा जाता है जिसमें प्रदेश का कामकाज 6 महीने श्रीनगर और 6 महीने जम्मू में देखा जाता है इस प्रथा की शुरुआत 1872 में तब के राजा महाराजा गुलाब सिंह ने की थी.
यह फैसला प्रदेश की मौसम की परिस्थितियों को देख कर लिया गया था. भारत को आजादी मिलने के बाद भी यह प्रथा जम्मू कश्मीर में जारी रही और यहां का नागरिक सचिवालय 6 महीने जम्मू और 6 महीने श्रीनगर में काम करता है.
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