नई दिल्ली: आज दुनिया भर में महिलाओं के संघर्षों का उत्सव महिला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस मौके पर हम आपको एक ऐसी ब्रिगेड के बारे में बता रहे हैं जिसने हजारों महिलाओं को मनचलों से लड़ने और उन्हे सबक सिखाने का हौसला दिया है. लखनऊ की ऊषा विश्वकर्मा ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए रेड ब्रिगेड आर्मी बनाई है जिसमें लड़कियों को गुंडे और बदमाशों से लड़ने की ट्रेनिंग दी जाती है. ऊषा के हौसले ने हजारों लड़कियों की जिंदगी बदल दी. महिलाओं पर होने वाले जुल्म के खिलाफ ऊषा ने ऐसी मिसाल कायम की, जिसने कई लड़कियों को प्रेरणा दी.

रेड बिग्रेड आर्मी जहां से भी निकलती है, वहीं से मनचले नौ दो ग्यारह हो जाते हैं. इस ब्रिगेड ने नबावों के शहर लखनऊ में तमाम लडकिओं के अंदर से दरिंदो का खौफ खत्म कर दिया है. उषा विश्वक्रर्मा की हिम्मत ने लखनऊ की हजारों लडकियों को भी फैलाद बना दिया है. लखनउ के रामनगर इलाके में उषा लड़कियों को ट्रेनिंग देती हैं. उषा 2011 से लखनऊ शहर की लडकियों को मनचलों और बदमाशो से लडने का ट्रेनिंग दे रही हैं.

उषा अपनी रेड ब्रिगेड के जरिए लडकियों को निशुल्क सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती हैं. हालांकि इस ब्रिगेड को बनाना उषा के लिए इतना आसान नहीं था. इस मुहिम को लोग शक भरी नजरों से देखते थे और इसके बारे में आपत्तिजनक बातें करते थे. लेकिन लोगों ने जब रेड ब्रिगेड से जुडी लडकियां की हिम्मत का कमाल देखा तो उन्हीं लोगों ने तारीफों के पुल बांधने शुरु कर दिए.

उषा पिछले सात साल में करीब सात हजार लडकियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे चुकी हैं. शहर के गुंडे और बदमाशों के बीच इनकी रेड ब्रिगेड की इतनी दहशत है कि वो रेड ब्रिगेड की लडकियों के करीब फटकने से भी तौबा करते हैं.

इसके लिए 2016 में देश के राष्ट्रपति के हाथों उषा को वुमन अचिवर अवार्ड से नवाजा गया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी उषा को लक्ष्मी बाई अवार्ड से सम्मानित कर चुके हैं. रियलिटी शो केबीसी में भी रेड ब्रिगेड से जुडी लडकियों के कल्याण के लिए उषा अपने जनरल नॉलेज के ज्ञान का जौहर दिखा चुकी हैं. लेकिन सेल्फ डिंफेंस के लिए हिम्मत का जो खेल उषा लडकियों को सिखाती हैं उसका कोई जवाब नहीं है.

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