नई दिल्ली: रूसी रेलवे भारत की पैसेंजर ट्रेन की रफ्तार को बढ़ाकर 200 किमी प्रति घंटा करने के लिए भारतीय रेलवे की मदद कर रहा है. रूसी रेलवे इस समय नागपुर और सिकंदराबाद के बीच 575 किमी में भारतीय रेलवे की मदद कर रहा है. वह पिछले सप्ताह एक प्रारंभिक रिपोर्ट जमा करा चुका है.
इस रफ्तार तक पहुंचने के लिए रूसी रेलवे ने कई तकनीकी और प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों का प्रस्ताव दिया है. इनमें रेलवे की पटरियों की मरम्मत के साथ-साथ उस जमीन को दुरूस्त करना भी शामिल है, जहां रफ्तार संबंधी सीमाएं हैं. चूंकि भारतीय रेलवे के पास ऐसे डिब्बे नहीं हैं, जो 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकें इसलिए नए किस्म के यात्री डिब्बों को भी मंजूरी देने की जरूरत होगी.
हालांकि रूसी रेलवे ने इस क्षेत्र में सीमित रफ्तार वाले कई बड़े पुलों पर चिंता जाहिर की है और इन सभी संरचनाओं के विस्तृत सर्वेक्षण की सिफारिश की है. इस सर्वेक्षण के आधार पर मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा. यह भी पाया गया है कि ट्रेन को एक पटरी से दूसरी पर ले जाने के लिए रेलरोड स्विच इस्तेमाल किए जाते हैं. इस क्षेत्र के स्टेशनों पर यह ये स्विच 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के लिए उपयुक्त नहीं हैं. इसलिए अलग किस्म के स्विच की भी सिफारिश की गई है. इसके अलावा तेज गति के रेलवे सिस्टम के लिए उचित सुरक्षा इंतजामों के भी सुझाव दिए गए.
इस समय भारत में सबसे तेज ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस है, जिसकी रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा है.