ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म WinZO Games की मुसीबतें बढ़ती जा रही है. ED की बेंगलुरु टीम ने कंपनी के डायरेक्टर पावन नंदा और सौम्या सिंह राठौर को 26 नवंबर 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया. दोनों को 27 नवंबर को बेंगलुरु की सिटी सेशन कोर्ट में पेश किया गया. जहां कोर्ट ने उन्हें 10 दिन की ED कस्टडी में भेज दिया.
दफ्तर और घर पर मारे छापे
दरअसल पिछले हफ्ते ED ने WinZO के दफ्तर और सौम्या सिंह राठौर के घर पर छापे मारे थे. ये कार्रवाई उन FIRs के आधार पर हुई थी, जिनमें कंपनी पर चीटिंग, यूज़र्स के अकाउंट ब्लॉक करने, गलत तरीके से PAN इस्तेमाल करने जैसे आरोप लगे थे.
ED की जांच में बड़े खुलासे
ED की जांच में कई बड़े खुलासे हुए, WinZO पर आरोप है कि कंपनी रियल मनी गेम्स में असली खिलाड़ियों की जगह सॉफ़्टवेयर/एल्गोरिदम से लोगों को खेलाती थी. यानी यूज़र्स को पता ही नहीं होता था कि वे इंसानों से नहीं, बल्कि कंप्यूटर प्रोग्राम से खेल रहे है. कंपनी ने कई यूज़र्स के वॉलेट में पड़ी रकम निकालने पर रोक लगा दी थी.
500 करोड़ की अपराध आय बनाई
इसी तरह के तरीकों से कंपनी ने तकरीबन 505 करोड़ रुपये की अपराध की आय बनाई. यानी क्राइम के जरिए पैसे कमाए जिसे ED ने फ्रीज कर दिया है. ये रकम बैंक बैलेंस, बॉन्ड, FDR और म्यूचुअल फंड के रूप में है. जांच में ED को पता चला कि WinZO भारत से ही ब्राज़ील, अमेरिका, जर्मनी जैसे देशों में रियल मनी गेमिंग चला रही थी, जबकि भारत सरकार ने RMGs पर रोक लगा रखी है.
कंपनी एक ही ऐप से देश-विदेश में गेम खिलाती थी
कंपनी एक ही ऐप और एक ही प्लेटफॉर्म से भारत और विदेश दोनों जगह गेम चलाती थी. ED की जांच के मुताबिक WinZO ने भारत की कंपनी के पैसे को USA और सिंगापुर में ओवरसीज़ इन्वेस्टमेंट के नाम पर भेजा. WINZO US Inc. नाम की कंपनी के अमेरिकी बैंक अकाउंट में 55 मिलियन USD (करीब 489.90 करोड़ रुपये) जमा मिले.
ED के मुताबिक ये कंपनी एक शेल कंपनी है, क्योंकि इसके सारे ऑपरेशन भारत से ही चलते है. ED अब पैसे के फ्लो और विदेशी लेनदेन की पूरी जांच कर रही है. दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और एजेंसी ने साफ़ कहा है कि अगले कुछ दिनों में और खुलासे हो सकते हैं.