वंदे मातरम और चुनाव सुधार पर संसद में चर्चा, कांग्रेस की ओर से राहुल-प्रियंका समेत ये नेता रखेंगे पक्ष
वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर राष्ट्रीय गीत को लेकर चर्चा होना है. यह गीत बंगाल के लेखक बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था. यह 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में पब्लिश किया गया था.

सदन में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ के मौके पर दोनों सदनों में चर्चा की जाएगी. इस दौरान कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और प्रियंका गांधी वाड्रा इस चर्चा में भाग लेंगे. इस चर्चा में राहुल गांधी अगले दिन चुनाव सुधारों पर अपनी बात रखेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने दोनों बहसों के लिए अपने वक्ताओं की सूची को अंतिम रूप दे दिया है. लोकसभा में सोमवार, मंगलवार और बुधवार को चर्चा की जाएगी.
लोकसभा में कांग्रेस के वक्ता कौन?
निचले सदन में कांग्रेस की ओर से अन्य वक्ताओं में दीपेंद्र हुड्डा, बिमोल अकोईजाम, प्रणीति शिंदे, प्रशांत पडोले, किरण चमाला रेड्डी और ज्योत्सना महंत शामिल होंगे.
चुनाव सुधारों की चर्चा में कौन लेगा भाग
चुनाव सुधारों की चर्चा के लिए लोकसभा में कांग्रेस के वक्ताओं में केसी वेणुगोपाल, मनीष तिवारी, वर्षा गायकवाड़, मोहम्मद जावेद, उज्जवल रमन सिंह, ईसा खान, रवि मल्लू, इमरान मसूद, गोवाल पदवी और ज्योतिमणि शामिल होंगे. इनके अलावा राज्यसभा में मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को इन मुद्दों पर बहस होगी. जहां विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे चर्चा में भाग लेंगे.
बंगाल के लेखक ने लिखा था राष्ट्रीय गीत
वंदे मातरम का गीत बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था. यह 7 नवंबर 1875 को साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में पब्लिश किया गया था. बाद में इस गीत को उनके आनंदमठ उपन्यास में शामिल किया गया था. उपन्यास सन्यास विद्रोही की पृष्टभूमि पर लिखा गया था. यह बंगाल प्रेसीडेंसी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ चलने वाला विद्रोह था.
PM मोदी ने कांग्रेस पर लगाया गीत में तोड़-मरोड़ का आरोप
वंदे मातरम गीत के 150 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार ने विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया था. इस दौरान पीएम मोदी ने 7 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि कांग्रेस ने इस गीत के साथ तोड़-मरोड़ की थी. पीएम मोदी ने कहा, 'दुर्भाग्य से 1937 में नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी ने मूल 'वंदे मातरम' गीत से महत्वपूर्ण पद हटा दिए थे. 'वंदे मातरम' को टुकड़ों में तोड़ दिया गया. इसने विभाजन के बीज भी बो दिए. यह अन्याय क्यों किया गया?'
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