Maharashtra Politics: एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) और पीएम मोदी (PM Modi) जल्द ही एक मंच पर नजर आने वाले हैं. शरद पवार और पीएम आगामी एक अगस्त को महाराष्ट्र के पुणे में होने वाले तिलक पुरस्कार समारोह में शिरकत करेंगे. एनसीपी (NCP) में हुई बगावत और अजित पवार (Ajit Pawar) के एनडीए में शामिल होने के बाद दोनों दिग्गज नेता पहली बार एक साथ दिखेंगे. 

शरद पवार को विपक्षी महागठबंधन इंडिया का सूत्रधार माना जाता है. इसी बीच संसद में मणिपुर के मुद्दे को लेकर सरकार और विपक्ष में तकरार भी जारी है. इसके अलावा केंद्र सरकार संसद में दिल्ली में अधिकारियों की तैनाती तबादले से जुड़े अध्यादेश पर बिल भी पेश करने वाली है. ऐसे में महाराष्ट्र में होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है.

क्या शरद पवार के फैसले से खुश नहीं विपक्षी नेता? 

इस कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दलों में शरद पवार के पीएम मोदी के साथ मंच शेयर करने को लेकर नाराजगी की भी चर्चा है. ऐसे में सियासी गलियारों में सवाल उठ रहा है कि शरद पवार किसको प्राथमिकता देंगे. केंद्र सरकार सोमवार को लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा बिल लाने वाली है.

राज्यसभा से भी पास हो जाएगा बिल?

लोकसभा में तो केंद्र के पास बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में इस बिल को पास कराने में मुश्किल होगी क्योंकि पहले ही कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल आम आदमी पार्टी का समर्थन करने की बात कह चुके हैं. हालांकि बीजेपी इससे पहले भी राज्यसभा में बिना बहुमत के कई विवादास्पद बिल पास करा चुकी है. ये बिल सोमवार या मंगलवार को राज्यसभा में आने की संभावना है. 

किसे प्राथमिकता देंगे शरद पवार

विपक्षी दलों की संसदीय रणनीति की बैठक में इसको लेकर चर्चा की गई है. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में चर्चा हुई है कि शरद पवार को एक अगस्त वाले कार्यक्रम की बजाय राज्यसभा में वोटिंग को प्राथमिकता देनी चाहिए. इस बिल का विरोध करने के लिए आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शरद पवार समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की थी. अटकलें लगाई जा रही हैं कि शरद पवार अब ऐसे में पीएम मोदी के साथ कार्यक्रम को तवज्जो देंगे या राज्यसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ वोट करेंगे.

अरविंद केजरीवाल को दिया समर्थन का आश्वासन

विपक्षी दलों की बैठक में भी दिल्ली अध्यादेश का मुद्दा आया था. शरद पवार समेत कई विपक्षी नेता अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने का आश्वासन दे चुके हैं. एनसीपी के राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के साथ एनडीए में चले गए हैं. पटेल ने हाल ही में शरद पवार से मुलाकात के बाद कहा था कि उन्होंने शरद पवार से उनके फैसले को मानने का आग्रह किया है और वे शरद पवार को मना लेंगे. अब ऐसे में विपक्ष को एनसीपी के वोट एनडीए के साथ जाने का डर है. 

शरद पवार पर सबकी नजरें

एबीपी न्यूज़ की सहयोगी वेबसाइट एबीपी माझा पर प्रकाशित एक खबर के अनुसार, एक अगस्त को पुणे में पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. खुद शरद पवार ने पीएम मोदी को ये पुरस्कार स्वीकार करने के लिए मध्यस्थता की थी. महाराष्ट्र में एनसीपी के दोनों गुटों के बीच क्या चल रहा है, इसे लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में अब सबकी नजरें शरद पवार पर रहने वाली हैं कि एनसीपी चीफ राज्यसभा में केंद्र के खिलाफ वोट करेंगे या पीएम के साथ कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. 

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