Kapl Sibal  Rajya Sabha Nomination: कबिल सिब्बल ने कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका दिया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन भरा. इसके बाद लखनऊ में उन्होंने बताया कि कांग्रेस से उनका इस्तीफा 16 मई को ही हो चुका था. नामांकन के दौरान उनके साथ सपा अध्यक्ष के साथ साथ पार्टी के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव तथा अन्य वरिष्ठ सपा नेता मौजूद थे. दरअसल कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ़ मोर्चा खोल चुके कपिल सिब्बल को इस बार केवल समाजवादी पार्टी हीं नहीं बल्कि लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और झारखंड मुक्ति मोर्चा भी उन्हें राज्यसभा भेजने को तैयार थी.


कांग्रेस आलाकमान को चुनौती


गौरतलब है कि एक के बाद एक कई राज्यों में लगातार कांग्रेस की हो रही हार के बाद कपिल सिब्बल ने सीधे गांधी परिवार के नेतृत्व को ही चुनौती दे दी थी. यही वजह है कि इस बार कपिल सिब्बल का कांग्रेस के खेमे से राज्यसभा भेजे जाने की कोई गुंजाइश नहीं थी. इसी के चलते सिब्बल समाजवादी पार्टी, आरजेडी और जेएमएम के संपर्क में थे. आइये आपको बताते हैं कि आखिर क्यों ये तीनो हीं पार्टियां सिब्बल को राज्यसभा भेजने को राज़ी हैं? असल में सिब्बल का तमाम कानूनी मामलों में इन दलों के नेताओं के लिए अदालतों में मज़बूती से मुक़दमे लड़ना उनके पक्ष में गया. सिब्बल फिलहाल उत्तर प्रदेश से कांग्रेस कोटे से राज्यसभा सांसद हैं.


क्यों सिब्बल को मिला सपा का साथ?


सिब्बल ने अब से चंद दिनों पहले हीं सपा नेता आज़म ख़ान का मामला अदालत में लड़ा और आखिरकार उन्हें बेल पर आज़ाद करा सके. नाराज़ चल रहे आज़म खान को सिब्बल के ज़रिए बड़ी आसानी से साधा भी जा सकता है. आज़म खान ने कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजे जाने की गुंजाइश का स्वागत भी किया है.


यही नहीं, चुनाव आयोग में भी पार्टी सिंबल के मामले में कपिल सिब्बल ने अखिलेश यादव के पक्ष में पैरवी कर उन्हें जीत दिलाई थी. साल 2014 और फिर 2016 में भी मुलायम सिंह यादव की तरफ से कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने के प्रस्ताव की बात सामने आई थी. सिब्बल कुछ अन्य मामलों में भी मुलायम सिंह यादव के लिए भी मुक़दमे लड़ चुके हैं.


क्यों आरजेडी भी सिब्बल के पक्ष में?


याद रहे खुद लालू यादव ने सन 1998 में कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजा था. कपिल सिब्बल चारा घोटाले मे लालू यादव का केस लड़ रहे हैं. राजद को इस बार राज्य से 2 राज्यसभा सीटें मिलना तय है इसलिए एक सीट पर राजद कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने को तैयार है. इसकी बड़ी वजह यादव परिवार पर मंडरा रहे कानूनी पचड़े ही है. लालू यादव के ठिकानों पर पिछले दिनों CBI के छापे भी पड़े पर, यही नहीं तेजस्वी यादव और मीसा भारती पर भी एक मामले में केस दर्ज है. ऐसे में सिब्बल को साधने से आरजेडी का कानूनी पक्ष मज़बूत रहेगा. साल 2016 में आरजेडी ने राम जेठमलानी को भी राज्यसभा भेजा था.


सिब्बल को लेकर जेएमएम का क्या है रूख?


झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मंत्री रहते खुद हीं माइन्स की लीज़ लेने का आरोप है और इसे लेकर वो पिछले दिनों लगातार मुश्किलों में घिरे हुए हैं. इसी मामले में उनकी सदस्यता रद्द करने को लेकर मामला भी चुनाव आयोग के अधीन है. साथ ही अब मामला अदालत में भी है और हेमंत सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ही हैं. हालांकि, ABP News को सूत्रों से मिली Exclusive जानकारी के मुताबिक़ चंद दिनों पहले ही कांग्रेस ने अपने झारखंड प्रभारी के माध्यम से जेएमएम से सिब्बल को राज्यसभा भेजने की चर्चाओं पर कड़ा विरोध दर्ज़ करा दिया था.


गौरतलब है कि अभिषेक मनु सिंघवी के साथ कपिल सिब्बल गांधी परिवार में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कुल पांच वरिष्ठ नेताओं के लिए नैशनल हेरल्ड केस में भी मुक़दमे लड़ रहें हैं. फिलहाल सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस मामले में ज़मानत मिली हुई है.


ये भी पढ़ें: Kapil Sibal Resigns: सपा से राज्यसभा जाएंगे कपिल सिब्बल, कांग्रेस से इस्तीफा देने की बताई ये वजह