कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) योजना का नाम बदलने पर केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना की है. प्रियंका गांधी ने मनरेगा के स्थान पर नया कानून बनाने की तैयारी के बीच सोमवार को कहा कि आखिर इस योजना से महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है. उन्होंने संसद में गतिरोध को लेकर यह दावा भी किया कि ऐसा लगता है कि सरकार ही सदन नहीं चलाना चाहती.

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संसद परिसर में बोलीं प्रियंका गांधी

केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, 'सरकार खुद संसद में व्यवधान पैदा कर रही है...मुझे लगता है कि सरकार संसद चलाना ही नहीं चाहती है. हमने संसद में प्रदूषण पर चर्चा की मांग की थी, वो चर्चा भी नहीं हो रही है.'

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नाम बदलने पर खर्च आता है: प्रियंका

मनरेगा के स्थान पर नया कानून बनाए जाने की सरकार की तैयारी को लेकर उन्होंने कहा कि जब किसी योजना का नाम बदला जाता है तो उसमें खर्च आता है. प्रियंका गांधी ने सवाल किया, ‘‘महात्मा गांधी जी का नाम क्यों हटा रहे हैं. इनका मकसद क्या है?’’ 

मनरेगा स्कीम का नाम बदला, शीतकालीन सत्र में लिस्टेड 

केंद्र सरकार ने मनरेगा को खत्म करने का फैसला किया है. अब नया कानून लाने की तैयारी है. इसे शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है. इसका नाम विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G)बिल 2025 रखा गया है. सरकार की तरफ से इस नए बिल में कहा गया है कि इसका उद्देश विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय विजन के तहत ग्रामीण विकास का ढांचा तैयार करना है. काम के दिनों की संख्या 100 दिन से बढ़ाकर 125 कर दी जाएगी. इससे पहले शुक्रवार यानी 12 दिसंबर को खबर थी कि सरकार मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना रखा है. लेकिन तब सरकार का नोटिफिकेशन नहीं आया था.