नई दिल्ली: महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भले ही कांग्रेस और एनसीपी की समन्वय समिति की बैठकों का सिलसिला शुरु हो गया हो लेकिन कुछ तो है जो एनसीपी, कांग्रेस की हामी के बावजूद इतना समय लगा रहा है. हालांकि ताजा जानकारी के मुताबिक अब बात विभागों के बंटवारे को लेकर भी हो रही है जहां एनसीपी शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लिए ढाई-ढाई साल का समझौता चाहती है. वहीं अब कांग्रेस भी अपने लिए उपमुख्यमंत्री पद समेत कई अन्य विभागों का आश्वासन मांग रही है.


सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस को ऐसा लगता है कि कहीं ना कहीं एनसीपी अपने वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ चल रही ईडी की जांच से भी पसोपेश में है. इसलिए एनसीपी जल्द फैसला नहीं कर पा रही है. वहीं सू्त्रों की मानें तो कांग्रेस को ये भी डर है कि कहीं इस जांच के डर से एनसीपी और शिवसेना साथ मिलकर सरकार बनाने से भी कहीं पीछे हट जाएं.


आपको बतादें कि ईडी प्रफुल्ल पटेल के परिवार की कंपनी के कथित तौर पर दाउद इब्राहिम के करीबी माने जाने वाले इकबाल मिर्ची के परिवार के साथ वित्तीय साझेदारी और जमीन सौदे की जांच कर रहा है. प्रफुल्ल पटेल के परिवार की कंपनी मिलेनियम डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और इकबाल मिर्ची परिवार के बीच हुए एग्रीमेंट की ईडी जांच कर रहा है.


आरोप है कि मिर्ची परिवार की ओर से मिलेनियम डवलपर्स को एक प्लॉट दिया गया था. हालांकि प्रफुल्ल पटेल पहले ही इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बता चुके हैं और उनका कहना है कि उनका किसी भी गैंगस्टर से कभी भी वित्तीय सौदा नहीं हुआ है.