Why Congress Is Uncertain About Its Chief: देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी (Congress Party) को अब उत्साह और उल्लास से भर जाना चाहिए था. इसके पीछे एक बड़ी और अहम वजह है कि आने वाले एक पखवाड़े के अंदर देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी आजादी के बाद से अब तक का अपना सबसे बड़ा जनसंपर्क अभियान शुरू करने जा रही है. इसके लिए राहुल गांधी ( Rahul Gandhi) देश के 12 राज्यों में चार महीने का एक मार्च निकालने जा रहे हैं. गौरतलब है कि बीते साल ही पार्टी ने एलान किया था कि वह 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच कांग्रेस के नए अध्यक्ष को चुन लेगी. लेकिन आलम ये है कि इस अहम पद को लेकर संगठन घोर अनिश्चितता के घेरे में है. इसे लेकर पार्टी के अंदर एक भयानक सन्नाटा पसरा है.


राहुल नहीं हैं राजी


कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए बैचेनी और अटकलों का दौर चल रहा है. इस पद पर चुने जाने वाले उम्मीदवार को लेकर आम सहमति का अभाव भी है, ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर कौन विराजमान होगा उसे लेकर बस अनिश्चतता ही नजर आ रही है. इस पद के लिए चुनाव का वक्त रविवार 21 अगस्त से शुरू हो चुका है. गौरतलब है कि बीते साल ही पार्टी ने एलान किया था कि वह 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच कांग्रेस के नए अध्यक्ष को चुन लेगी. राहुल गांधी इस चुनाव में अपने को उम्मीदवार बनाने के तौर पर पेश करने के लिए खासे इच्छुक नहीं है और ये बात जगजाहिर है. यही वजह है कि अध्यक्ष पद के चुनावों की तारीखों के लिए शेड्यूल जारी होने में देरी हो रही है. ऐसे में चीजें कैसे आगे बढ़ेगी इसे लेकर संगठन के नेताओं के बीच भी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं है.पार्टी नेताओं का मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शेड्यूल का एलान आने वाले हफ्ते यानी अगस्त के अंतिम हफ्ते तक हो सकता है.
 
नेता कर रहें बात, लेकिन पार्टी ने है चुप्पी साधी


अभी भी राहुल इस चुनाव में खड़े होने को लेकर अनिच्छुक हैं. ऐसे में नेताओं को आदर्श स्थिति तो यही लग रही है कि साल 2024 तक के लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election) तक सोनिया गांधी लगातार अतंरिम अध्यक्ष (Interim President ) के तौर पर पार्टी का नेतृत्व संभालें रखें. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी इसे लेकर सहमत नहीं हैं, वह चाहते हैं कि उनके परिवार का कोई सदस्य पार्टी को लीड न करे. पार्टी के नेता अध्यक्ष पद को लेकर तरह-तरह के परिदृश्यों पर बात कर रहे हैं. लेकिन इस मामले पर पार्टी की तरफ से कुछ नहीं कहा जा रहा है.


इस मामले पर पार्टी होठ सिले बैठी है. हालात ऐसे हैं  कि राहुल के बेहद करीबी भी कहते हैं कि स्थिति स्थिर नहीं है. मतलब कुछ भी हो सकता है घट सकता है वाली स्थिति है. आने वाले 10 दिन कांग्रेस पार्टी के लिए बेहद निर्णायक है. राहुल को चुनाव लड़ने के लिए  मनाने की कोशिशें जारी हैं. अगर वह अपनी बात पर अड़े रहते हैं तो अगला विकल्प सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष (Interim President) पद पर बने रहने के लिए मनाने का है. ऐसे में वह अपनी मदद के लिए अलग-अलग क्षेत्रों से युवा और अनुभवी उम्रदराज लोगों को अपनी मदद के लिए उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त कर सकती हैं. इसके पीछे ये विचार है कि इस तरह से पार्टी में एकता बनी रहेगी. कांग्रेस पार्टी के एक प्रदेश अध्यक्ष ने इसका खुलासा किया है.


यदि गांधी परिवार अध्यक्ष पद की जवाबदेही लेने से मना कर दें


यहां यह एक बड़ा सवाल है कि अगर गांधी परिवार नेतृत्व के सामने अपने इस फैसले का एलान करता है  कि परिवार का कोई भी सदस्य अध्यक्ष पद पर नहीं बना रहेगा. कुछ नेताओं का मानना है कि ऐसे में हो सकता है की जी23 समूह के नेता अपना उम्मीदवार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में उतारे. कुछ नेताओं का मानना है कि अगर सोनिया या राहुल मैदान में नहीं हैं और परिवार के बाहर एक वफादार को मैदान में उतारा जाता है तो जी23 समूह एक उम्मीदवार खड़ा करेगा. पार्टी के एक नेता के मुताबिक जी23 नेता भले ही पार्टी चलाने के तरीके के आलोचक रहे हैं, लेकिन वे भी गांधी परिवार के सभी सदस्यों  के नेतृत्व को स्वीकार करेंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि वे किसी अन्य नेता के लिए सहमत होंगे. उम्मीदवार को चुनाव के लिए मैदान में उतारने की तैयारियां चल रही हैं. ऐसे में बस रूक कर इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं है. एक जी23 के नेता ने कहा था कि वे एआईसीसी (AICC) को ऐसे चलाने नहीं दे सकते जिस तरह से वे अभी चल रहे हैं.


भारत यात्रा राहुल गांधी के बचाव का रास्ता


जो यह मानते हैं कि राहुल पदभार नहीं संभालेंगे, उनका तर्क है कि भारत यात्रा ( Bharat Yatra) को 2 अक्टूबर से 7 सितंबर तक आगे बढ़ाने और 4 सितंबर को रामलीला मैदान (Ramlila) में रैली करने का पार्टी का निर्णय राहुल की अनिच्छा को ध्यान में रखते हुए है. राहुल का चुनाव नहीं लड़ना इस तरह की बातों को हवा दे सकता है कि वह एक अनिच्छुक राजनेता है. या फिर राहुल गांधी को गेस्ट आर्टिस्ट का तमगा भी दिया जा सकता है.बीजेपी पर पलटवार करते हुए पार्टी के एक नेता कहते हैं कि इससे पहले की इसका जवाब सबकी आंखों के सामने आए राहुल रोजाना 15-20 किलोमीटर की पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे होंगे. एक नेता का कहना है कि अगर राहुल या परिवार को कोई सदस्य अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ता और संयोग से चुनाव का शेड्यूल यात्रा के बीच में आता है तो राहुल गांधी को इससे बचने का रास्ता मिल जाएगा. ऐसे में राहुल कह सकते हैं कि अगले अध्यक्ष के चुनाव में उनका कोई हाथ नहीं है. मजे की बात यह है कि अध्यक्ष पद चुनाव के लिए एक महीने का समय शुरू होने के बाद भी अशोक गहलोत मुकुल वासनिक, कमलनाथ, अंबिका सोनी, मीरा कुमार, मलिकाअजुर्न खड़गे सहित नियमित नामों पर अटकलों लग रही है, लेकिन कोई आम सहमति वाला उम्मीदवार नहीं दिख रहा है. 


कांग्रेसी नेता चाहते हैं 2024 तक सोनिया ही रहें सर्वेसर्वा


कुछ कांग्रेसी नेताओं को  संगठन के अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की आस अभी भी है. अगर ऐसा नहीं होता तो वह चाहते हैं कि साल 2024 के चुनावों तक सोनिया गांधी ही अध्यक्ष पद को संभालें रहें. हालांकि लग रहा है कि जी23 का अपने अलग ही प्लान की तैयारी में है. दरअसल जी 23 एक कांग्रेस नेताओं का समूह है.ये समूह कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक बदलाव करना चाहता है. इसमें पार्टी के 23 नेता शामिल हैं. इन मुख्य नेताओं में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे नेता हैं. पार्टी में अध्यक्ष पद के लिए अन्य नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं, लेकिन इन सब उलझनों के बीच कुल मिलाकर पार्टी में नेतृत्व को लेकर तस्वीर साफ नहीं है. 


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