नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी को रोकने के लिए विपक्ष का चेहरा बनाए जाने के मुद्दे पर बुधवार को कहा कि 'यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि उनके अलावा किसी और को विपक्ष का नेतृत्व दिया जाता है तो उन्हें कोई समस्या नहीं है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद दिल्ली की पहली यात्रा पर आईं बनर्जी ने कहा कि चुनाव में उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का नारा था- 'खेला होबे', जो कि अब देशभर में गूंजेगा. अब 'अच्छे दिन' की बजाय 'सच्चे दिन' आने का समय है.
बनर्जी को 2024 के आम चुनाव के लिए उनकी पार्टी द्वारा विपक्ष का चेहरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन इसे लेकर खुद उनके भीतर मिलाजुला भाव है. नेतृत्व के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'मैं स्थिति से मुकाबले के लिए सभी विपक्षी दलों की सहायता करना चाहती हूं. मैं नेता नहीं, बल्कि आम कार्यकर्ता बनना चाहती हूं.'
बनर्जी से पूछा गया कि क्या वह विपक्ष का चेहरा बनना चाहती हैं, जिसके जवाब में उन्होंने कहा, "मैं कोई राजनीतिक भविष्यवक्ता नहीं हूं. यह परिस्थिति पर निर्भर करता है. अगर कोई और नेतृत्व करता है तो मुझे कोई समस्या नहीं. जब इस मुद्दे पर चर्चा होगी तब हम निर्णय ले सकते हैं. मैं अपना निर्णय किसी पर थोप नहीं सकती." बनर्जी ने कहा कि जब चुनाव नजदीक आएंगे तो भगवा पार्टी से लड़ने के लिए कई चेहरे होंगे. उन्होंने कहा, 'आकार के आधार पर बीजेपी बड़ी हो सकती है लेकिन राजनीतिक नजरिये से विपक्ष, बीजेपी से अधिक मजबूत है. वे इतिहास रचेंगे.'
"पूरे देश में खेला होगा"
तृणमूल अध्यक्ष बनर्जी, प्रधानमंत्री के सबसे तीखे आलोचकों में से एक हैं. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल एक साथ बैठेंगे और इस पर निर्णय करेंगे कि मोदी के खिलाफ कौन उम्मीदवार होगा. जब उनसे पूछा गया कि क्या एकजुट विपक्ष के लिए उन्होंने 'खेला होबे' का नारा तय किया है जिसका इस्तेमाल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में उनके द्वारा किया गया था, तो बनर्जी ने हिंदी में कहा, "पूरे देश में खेला होगा."
पांच दिवसीय यात्रा पर दिल्ली आईं बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चाय पर मुलाकात की और दिल्ली के मुख्यमंत्री से भी मिलीं. मंगलवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के अन्य नेताओं से मुलाकात की थी. बनर्जी ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव से फोन पर बातचीत की थी. कांग्रेस पार्टी और तृणमूल से उसके संबंध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी से उनका संबंध दशकों पुराना है. बनर्जी ने कांग्रेस के भविष्य पर टिप्पणी करने से मना कर दिया और कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी विपक्ष की एकता चाहती हैं.
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