मुंबई: विले पार्ले इलाके में एक सब्जी विक्रेता ने बीएमसी के तीन कर्मचारियों अधिकारियों को एसीबी के सामने रंगे हाथों घूस लेते हुए पकड़वाया. अगले ही दिन बीएमसी ने उस सब्जी वाले के दुकान को तोड़ डाली. बीएमसी के इस बदले की कार्यवाई की चर्चा मुंबई में जोरों शोरों से हो रही है कि कैसे बीएमसी के घूसखोर कर्मचारी पकड़े गए तो पकड़वाने वाले की दुकान ही तोड़ डाली.


मुंबई के विले पार्ले इलाके में रमेश गुप्ता सालों से सब्जी का ठेला लगा रहे थे, पैसे बढ़े तो फुटपाथ पर दुकान लगानी शुरू कर दी. पिछले कुछ दिनों से बीएमसी के कुछ अधिकारियों और रमेश गुप्ता की अनबन चल रही थी. कुछ दिन पहले जब बीएमसी वाले उनकी सब्जियों की कुछ टोकरी उठा ले गए, तो रमेश अपनी टोकरिया लेने के लिए बीएमसी के गोदाम पर पहुंचे. वहां अधिकारियों ने उनसे घूस मांगी. रमेश ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो में की. एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम रमेश के संग गोदाम पर पहुंची. रमेश को पाउडर लगी हुई कुछ नोट दी गई रमेश उन नोट को लेकर बीएमसी अधिकारी के पास पहुंचे और ढाई सौ की घुस अधिकारी को दी. एसीबी के अधिकारियों ने रमेश से कह रखा था कि जब पैसा दे लो तो बाहर निकल कर अपने सर पर हाथ फेरना और हम आ जाएंगे. रमेश ने ऐसा ही किया जिसके बाद एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने बीएमसी के कर्मचारी को रंगे हाथों पकड़ा. बीएमसी के कुल 3 कर्मचारियों पर प्रिवेंशन ऑफ करप्शन के तहत मामला दर्ज कर लिया गया.


बीएमसी के अधिकारियों को घूस लेते पकड़ने के बाद रमेश को लगा मामला खत्म हो गया, पर अगले ही दिन बीएमसी वाले अपने लाव लश्कर के साथ रमेश की दुकान पर पहुंचा. फुटपाथ पर लगी दुकान यू तो अनियमित है. बीएमसी ने पूरी दुकान को तहस-नहस कर दिया.


रमेश का आरोप है कि उनके बेटे की संग मारपीट की गई बीएमसी पूरे बदला लेने वाले मोड पर पहुंची थी, बिल्कुल आक्रामक थी काफी डरावना सब कुछ हो रहा था. बीएमसी ने रमेश के आसपास की दूसरी और दो चार दुकानों को तोड़ा. रमेश की जमा पूंजी सब खत्म है और वह कह रहे हैं, अब क्या करूं समझ नहीं आ रहा. बीएमसी ने बदला ले लिया है हमारे साथ. एबीपी न्यूज़ ने बीएमसी के बदले वाली बात पर इलाके के बीएमसी अधिकारी प्रशांत से बात की तो, उन्होंने कहा कि यह बात सच है कि बीएमसी के तीन कर्मचारी घूस लेते हुए पकड़े गए हैं पर बदले की कार्यवाही की बात गलत है. अवैध दुकानों पर ऐसी कार्यवाही होती रहती है. बीएमसी के अधिकारी कुछ भी सफाई दे पर घूस में पकड़े जाने और कार्यवाही के घटनाक्रम कुछ और कहानी बयां कर रहा है.