Congress President Election Process: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार कांग्रेस (Congress) के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव (Congress President Election) के लिए पार्टी ने तारीखों की घोषणा कर दी है. कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा. वोटों की गिनती 19 अक्टूबर को होगी. नामांकन 24 सितंबर से 30 सितंबर तक दाखिल किए जाएंगे. चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी.
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की तारीख सामने आने के बाद यह जिज्ञासा उठना लाजमी है कि आखिर देश की सबसे पुरानी पार्टी में इस पद के लिए चुनाव कैसे होते हैं, प्रक्रिया क्या है और किसे वोट देने का अधिकार होता है? आइये जानते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में ये लोग डालते हैं वोट
काग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के संविधान के मुताबिक होता है लेकिन इसकी शुरुआत सदस्यता अभियान से होती है, जो तकरीबन एक साल चलता है. इसके बाद बूथ समिति, ब्लॉक समिति और जिला समिति बनाई जाती है. हर जिले से अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) का एक पदाधिकारी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में वोट डालता है.
चुनाव का शेड्यूल पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति बनाती है. केंद्रीय चुनाव समिति और बाकी टीम का गठन, कार्यकारी समिति की मदद से कांग्रेस अध्यक्ष करता है. चुनाव समिति तैयार हो जाने के बाद, चुनावी शेड्यूल में हर स्तर पर चयन, नामांकन, नाम वापसी, स्क्रूटनी, चुनाव, नतीजे और जीत के बाद सर्टिफिकेट देने तक की तारीख बताई जाती है.
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति चुनाव के लिए हर प्रदेश में एक रिटर्निंग अधिकारी और एक से दो एपीआरओ (राज्यों के आकार के मुताबिक असिस्टेंट प्रदेश रिटर्निंग अफसर) नियुक्त किए जाते हैं.
प्रदेश कांग्रेस समिति के इतने सदस्यों समर्थन से बना जा सकता है उम्मीदवार
इसके बाद प्रदेश कांग्रेस समिति के सदस्य अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए प्रस्तावक बनते हैं. कांग्रेस पार्टी में कोई भी सदस्य खुद को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बना सकता है जिसे प्रदेश कांग्रेस समिति के 10 सदस्यों का समर्थन प्राप्त हो.
उम्मीदवारों के नामों को रिटर्निंग अधिकारी के पास भेजा जाता है और चुनाव के लिए एक तारीख निर्धारित की जाती है. इस बीच नाम वापसी के लिए सात दिन का समय भी दिया जाता है. कांग्रेस पार्टी के संविधान के मुताबिक एक से ज्यादा उम्मीदवार होने पर ही चुनाव होता है और अगर एक ही प्रत्याशी रह जाता है तो उसे ही अध्यक्ष मान लिया जाता है.
कांग्रेस अध्यक्ष का कितना होता है कार्यकाल?
कांग्रेस में हर पांच साल में अध्यक्ष पद का चुनाव होता है. पहले इस पद का कार्यकाल तीन वर्ष का भी रहा है. आपात स्थिति यानी अध्यक्ष के निधन या अचानक उसके इस्तीफा देने पर कार्यकारी समिति पार्टी के सबसे वरिष्ठ महासचिव को अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी देती है, जो अगला पूर्णकालिक अध्यक्ष के चुने जाने तक कमान संभालता है. 2019 में राहुल गांधी के नैतिकता के आधार पर अचानक इस्तीफे के बाद यही हुआ था और सोनिया गांधी को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया था.
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