केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया को ध्यान में रखते हुए नया डिजिटल गाइडलाइन जारी की है. इस नए डिजिटल कानून को लेकर व्हाट्सएप, फेसबुक सहित कई विदेशी कंपनियों ने बवाल मचाया हुआ है. इस बीच गूगल ने अपनी दूरदर्शी नीति का परिचय देते हुए भारत के स्थानीय कानून का पालन करने की बात कही है. गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा,  हमारी कंपनी स्थानीय कानूनों के प्रति जवाबदेह है और सरकारों के साथ हम रचनात्मक रूप से काम करते हैं.


पिचाई ने एशिया प्रशांत क्षेत्र के चुनिंदा पत्रकारों के साथ एक वर्चुअल सम्मेलन में कहा,  सरकारें तेजी से विकसित हो रहे प्रौद्योगिकी क्षेत्र से तालमेल बैठाने के लिए नियामक ढांचे बनाती हैं. इसलिए किसी भी देश के स्थानीय नियमों का हम सम्मान करते हैं और हमारा नजरिया इस दिशा में रचनात्मक रहता है. हमारी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट स्पष्ट हैं. जब हम किसी सरकार की अपील पर अमल करते हैं तो इसे इस रिपोर्ट में हाईलाइट करते हैं.


स्वतंत्र और ओपन इंटरनेट की वकालत
सुंदर पिचाई ने कहा,  एक स्वतंत्र और खुला इंटरनेट बुनियादी चीजें हैं और भारत में इसकी लंबी परंपरा है. उन्होंने कहा, एक कंपनी के रूप में हम स्वतंत्र और खुले इंटरनेट के मूल्यों और इससे होने वाले लाभों के बारे में स्पष्ट रूप से जानते हैं और हम इसकी वकालत करते हैं. हम पूरे विश्व के रेगुलेटर के साथ रचनात्मक रूप से इससे जुड़े हुए हैं. मेरे विचार से यह सीखने का जरिया है.


उन्होंने कहा कि हमारी कंपनी हर देश के कानून का सम्मान करती है और हमें जहां लगता है कि झुकना चाहिए, वहां झुकते भी हैं. सुंदर पिचाई ने कहा दुनिया में तकनीकी समाज में गहरे और व्यापक तरीके से छू रही है और इसका परिदृश्य तेज गति से बदल रहा है. इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि सरकारें इस भावना को ध्यान में रखते हुए फ्रेमवर्क बनाएं.


क्या है नया आईटी कानून 
बुधवार से सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नया आईटी रूल लागू हो गया है. इसका उद्येश्य फेसबुक, ट्वीटर जैसी कंपनियों को नैतिक रूप से उत्तरदायी और जवाबदेह बनाना है. इस कानून को इस साल फरवरी में पारित किया गया था जो बुधवार से लागू है. इस कानून के तहत सोशल मीडिया की बड़ी कंपनियों को भारत में एक मुख्य अनुपालन अधिकारी chief compliance officer, नोडल संपर्क व्यक्ति और nodal contact person and स्थानीय शिकायत अधिकारी resident grievance officer सहित कई अतिरिक्त सावधानियां बरतने की जरूरत होगी.


50 लाख से ज्यादा यूजर रखने वाली कंपनियों को तीन महीने के अंदर इस कानून को मानने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. इस कानून के तहत अगर कोई पोस्ट भारतीय अधिकारियों को आपत्तिजनक लगता है तो उसे 36 घंटे के अंदर हटाना अनिवार्य होगा. इसके अलावा नग्नता और विकृत वाली फोटो को शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर हटाना होगा.