BJP President Election: लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा और और कयासबाजी जारी थी. अब लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और बीजेपी अध्यक्ष पद के संभावित दावेदारों के नाम भी बदल चुके हैं. ऐसे में फिर से अगले बीजेपी प्रमुख को लेकर कयासबाजी और चर्चा का नया दौर शुरू हो गया है. हालांकि हम किसी तरह की कयासबाजी या चर्चा से इतर पहले ये समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल का मुखिया चुना कैसे जाता है और उसके लिए क्या शर्तें होती हैं. 

कौन बन सकता है बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष?

भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की पहली शर्त है कि उम्मीदवार कम से कम चार टर्म से पार्टी का सक्रिय सदस्य हो और कम से कम 15 साल से पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो. इस शर्त के पूरा होने के बाद राज्यों के निर्वाचक मंडल में से कोई भी 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए संयुक्त रूप से दावेदार के नाम का प्रस्ताव रख सकते हैं. हालांकि ये संयुक्त प्रस्ताव कम से कम पांच प्रदेशों से आना जरूरी है, वो भी ऐसे प्रदेश जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव हो चुके हों. इस प्रस्ताव पर उम्मीदवार की सहमति होना भी अनिवार्य है.  

पार्टी की सदस्यता और सक्रिय सदस्यता के नियमों को ध्यान में रखकर बीजेपी अध्यक्ष पद के उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र का आकलन किया जाए तो ये 33 साल बैठती है. यानी बीजेपी प्रमुख पद का दावेदार कम से कम 33 से 34 साल का जरूर होना चाहिए. हालांकि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के दावेदार की न्यूनतम उम्र का जिक्र पार्टी के संविधान में नहीं किया गया है. वहीं कार्यकाल की बात की जाए तो बीजेपी अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है.

कैसे होता है बीजेपी प्रमुख का चुनाव? करवाता कौन है?

बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव निर्वाचक मंडल करता है, जिसमें राष्ट्रीय और प्रदेश परिषद के सदस्य शामिल होते हैं. ये चुनाव पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी आयोजित करवाती है, जिसके लिए नियम भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी ही निर्धारित करती है. 

अब समझें शर्तों को विस्तार से

बीजेपी प्रमुख बनने की पहली शर्त में उम्मीदवार के चार टर्म के सक्रिय और 15 साल की प्राथमिक सदस्यता की अनिवार्यता का जिक्र किया गया है. बीजेपी के संविधान की धारा 9 के मुताबिक पार्टी की सदस्यता के लिए 18 वर्ष की उम्र की अवधि को पार करना अनिवार्य है.

नियमों को स्वीकारते हुए सदस्यता फॉर्म पर लिखी घोषणा करने और फीस देने के बाद कोई भी शख्स बीजेपी का सदस्य बन सकता है. आमतौर पर ये सदस्यता 6 साल तक की होती है और 6 साल बाद सदस्यों को फिर से सदस्यता का फॉर्म भरना होता है. 

कैसे बनते हैं सक्रिय सदस्य?

अब जानते हैं कि सक्रिय सदस्य कौन होता है. ऐसे किसी व्यक्ति को पार्टी का सक्रिय सदस्य माना जाएगा, जिसे पार्टी का सदस्य बने कम से कम 3 साल का समय हो गया हो. सक्रिय सदस्य को 100 रुपए की फीस आवेदन पत्र के साथ पार्टी कोष में जमा करानी होती है. हालांकि आवेदन अस्वीकार भी हो सकता है और ऐसी स्थिति में फीस वापस भी नहीं लौटाई जाती है.

बीजेपी का सक्रिय सदस्य केंद्र, प्रदेश, जिला और मंडल कार्यकारिणी के कार्यक्रमों में भाग लेता है. इनमें आंदोलन भी शामिल हैं. मंडल समिति ये इससे ऊपर की किसी समिति या परिषद का चुनाव लड़ने या इसका सदस्य बनने के लिए सक्रिय सदस्य होना अनिवार्य होता है. 

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