तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार (31 अक्टूबर 2025) को चेतावनी दी कि अगर पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान असली मतदाताओं के नाम हटाए गए तो कानूनी कार्रवाई और जन आंदोलन किया जाएगा. बंगाल के लगभग 15,000 पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर आगामी चुनावों में चुपचाप धांधली करने के लिए इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.

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बीजेपी के इशारे पर धांधली की तैयारी: TMC

सूत्रों के मुताबिक, अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि 27 अक्टूबर को घोषित एसआईआर आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची में हेरफेर के लिए बीजेपी के इशारे पर किया जा रहा है.

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टीएमसी सूत्रों ने अभिषेक बनर्जी के हवाले से कहा, ‘‘जैसा कि आप सभी जानते हैं, बीजेपी के निर्देश पर 27 अक्टूबर को बंगाल में एसआईआर की घोषणा की गई थी. बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण की घोषणा के बाद हमने कहा था कि इसका मतलब चुपचाप धांधली करना है. तृणमूल ने संसद, अदालत और सड़कों पर इसका विरोध किया है और हम ऐसा करना जारी रखेंगे.’’

इस हफ्ते की शुरुआत में कड़ी चेतावनी देते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा था, ‘‘अगर एक भी असली मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाया गया तो बंगाल के एक लाख लोग नई दिल्ली स्थित चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर धरना देंगे.’’

'SIR प्रक्रिया के कारण बंगाल में डर का माहौल'

अभिषेक बनर्जी की ओर से शुक्रवार को बुलाई गई इस बैठक को प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने भी संबोधित किया. बैठक का उद्देश्य मतदाता सूची संशोधन की निगरानी के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करना था. आमंत्रित लोगों में जिला, ब्लॉक और बूथ स्तर के तृणमूल पदाधिकारी शामिल थे.

बैठक को संबोधित करते हुए अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि एसआईआर प्रक्रिया के कारण पूरे राज्य में भय का माहौल पैदा हो गया है. बैठक में मौजूद नेताओं ने अभिषेक बनर्जी के हवाले से कहा, ‘‘अगर असली मतदाताओं के नाम हटाए जाते हैं तो हम चुप नहीं रहेंगे. हम अदालत का ध्यान आकर्षित करेंगे और न्याय सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली में एक बड़ा आंदोलन भी शुरू करेंगे.’’

अभिषेक बनर्जी ने कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने को कहा

पार्टी सूत्रों ने बताया कि अभिषेक बनर्जी ने सभी नेताओं को सतर्क रहने का निर्देश दिया और दावा किया है कि कई इलाकों, खासकर उत्तर 24 परगना, नादिया और कूचबिहार जिलों में हजारों असली मतदाताओं के नाम गायब पाए गए हैं.

तृणमूल के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने  बताया, ‘‘बुधवार के संवाददाता सम्मेलन में हमने जिन मतदाता सूची संबंधी गड़बड़ियों का खुलासा किया था, उनके संबंध में अभिषेक बनर्जी ने कहा कि हम अदालत का ध्यान भी आकर्षित करेंगे. यह केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मुद्दा है.’’

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