Continues below advertisement

West Bengal News: पश्चिम बंगाल में SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) का काम जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे हैरान करने वाले मामले सामने आ रहे हैं. उम्र, रिश्तों और पहचान से जुड़ी गंभीर गड़बड़ियां लगभग हर जिले से उजागर हो रही हैं. ताजा मामला पूर्व बर्धमान जिले के मंगलकोट क्षेत्र से सामने आया है, जिसे जानकर पूरा परिवार सदमे में है.

छह साल में दो बेटों का पिता बनने का मामला

Continues below advertisement

मंगलकोट के निवासी सरोज माझी के परिवार में अजीबोगरीब स्थिति सामने आई है. कागजों में एक व्यक्ति को सिर्फ छह साल की उम्र में दो बेटों का पिता दिखा दिया गया है. वहीं, 63 साल के पिता के बेटे 59 और 58 साल के बताए जा रहे हैं. यह जानकारी SIR फॉर्म भरने के दौरान सामने आई.

सरोज माझी के असली बेटे अनूप माझी ने आरोप लगाया है कि उनके पिता को पिता दिखाकर दो बांग्लादेशी लोगों सागर माझी और लक्ष्मी माझी ने मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराया है. इस खुलासे के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है.

2006 से मतदाता सूची में नाम होने का दावा

इस मामले के सामने आने के बाद विवाद शुरू हो गया है. सरोज माझी दहशत में हैं और हालात को लगभग स्वीकार कर चुके हैं. वहीं, आरोपितों का कहना है कि उनका नाम साल 2006 में स्थानीय सीपीएम नेतृत्व की मदद से मतदाता सूची में दर्ज हुआ था. हालांकि वामपंथी दल ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है.

यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई अजीब घटनाएं सामने आ चुकी हैं. कहीं चार बेटों वाले पिता के छह बेटे निकल आए तो कहीं ससुर को पिता दिखाकर नाम दर्ज किया गया. कुछ मामलों में तो मकान मालिक को ही पिता बना दिया गया. मंगलकोट की घटना अब इसी लंबी सूची में एक और उदाहरण बन गई है.

24 घंटे में सामने आईं लाखों कमियां

चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, एन्यूमरेशन फॉर्म भरने के सिर्फ 24 घंटे के भीतर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. कुल 1 करोड़ 67 लाख 45 हजार 911 मतदाताओं की जानकारी में गड़बड़ी पाई गई है. इन सभी मामलों की जांच की जाएगी. आंकड़ों के अनुसार, 85 लाख मतदाताओं के पिता के नाम में गलती पाई गई है. 13 लाख से ज्यादा मतदाताओं के माता-पिता का नाम एक जैसा दर्ज है.

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 11 लाख 95 हजार 230 लोग 15 साल से कम उम्र में पिता बने दिखाए गए हैं, जबकि 3 लाख 29 हजार 152 मतदाता 40 साल से कम उम्र में दादा बना दिए गए हैं. चुनाव आयोग ने साफ किया है कि BLO घर-घर जाकर जानकारी की जांच करेंगे.