Sukanta Majumdar Claim: एक तरफ केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) केंद्रीय जांच एजेंसियों पर किसी तरह के नियंत्रण के न होने का दावा करती है तो वहीं पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ऐसा दावा करते हैं जिससे सनसनी फैल जाती है. उन्होंने कहा कि अगर वो चाहते तो एक फोन करके सीबीआई के छापे को रुकवा सकते थे लेकिन बीजेपी ऐसा करने में विश्वास नहीं करती है.


दरअसल, बंगाल की अलग-अलग नगर पालिकाओं में अवैध तरीके से निक्युतियों के मामले में सीबीआई ने बीजेपी विधायक पार्थ सारथी चट्टोपाध्याय घर पर छापेमारी की थी. बता दें कि पार्थ राणाघाट नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इसके अलावा राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक मदन मित्रा के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की थी.


क्या कहा सुकांत मजूमदार ने?


पार्टी विधायक के घर पर सीबीआई के छापे पर सुकांत मजूमदार ने दावा करते हुए कहा, “जिसे बुलाने की जरूरत होगी, सीबीआई उसे बुलाएगी. मैं चाहता तो एक फोन करके पार्टी विधायक के घर पर सीबीआई का छापा रुकवा सकता था लेकिन हम इसमें विश्वास नहीं रखते हैं.” इसके साथ ही बीजेपी नेता ने टीएमसी विधायक फिरहाद हकीम को डकैत करार दिया. सुकांत के इस दावे को लेकर पश्चिम बंगाल के साथ-साथ देश की राजनीति गर्मा गई है.


सुकांत के दावे ने मची सनसनी


टीएमसी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि सुकांत की बातों से साबित हो गया कि केंद्रीय जांच एजेंसियां केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के इशारे पर काम करती हैं. विपक्षी दलों को राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से परेशान किया जाता रहा है. जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले सुकांत ने टीएमसी की ओर से बंगाल में चल रही ग्रामीण योजनाओं का फंड रोके जाने के आरोप पर कहा था कि एक फोन करेंगे सारा फंड आ जाएगा.


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