कोलकाता: बंगाल में चुनाव के लिए 18 दिन बाद वोटिंग होनी है. चुनाव का शोर जोरों पर है लेकिन सबसे ज्यादा तनाव नंदीग्राम की सीट पर है. बंगाल में सत्ता की चाभी कहे जाने वाले नंदीग्राम से खुद ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं.


ममता बनर्जी आज से नंदीग्राम में औपचारिक शंखनाद करने वाली हैं. आज दोपहर 3 बजे नंदीग्राम में टीएमसी के बूथ स्टार के कार्यकर्ता और पूर्वी मिदनापुर के जिला स्तर के नेताओं से बैठक करेंगी.  बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी पदयात्रा भी निकाल सकती हैं. उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के बाद ये ममता का पहला नंदीग्राम दौरा है.


नंदीग्राम में वोटर्स से सीधे संपर्क स्थापित करने के लिए ममता ने किराए का मकान भी लिया है. कल ममता हल्दिया में नामांकन भी दाखिल करेंगी. आपको बता दें कि नंदीग्राम सीट पर दूसरे चरण के दौरान 1 अप्रैल को वोटिंग होगी. ममता ने परंपरागत भवानीपुर की सीट छोड़ बंगाल की उस सीट से लड़ने का मन बनाया है. जिसने 10 साल पहले लेफ्ट की सत्ता उखाड़ने की पटकथा लिखी थी और सत्ता का ताज ममता के सिर पहनाया था.


उस वक्त नंदीग्राम में ममता के साथ शुभेंदु अधिकारी थे. वो शुभेंदु जिनका काम और परिवार का नाम नंदीग्राम का बच्चे-बच्चे की जुबान पर होता है. शुभेंदु ने अब भगवा चोला ओढ़ लिया है, और वे बीजेपी के नंदीग्राम से उम्मीदवार हैं. भवानीपुर विधानसभा सीट से इस बार राज्य के बिजली मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय को टिकट दिया गया है.


नंदीग्राम के युद्ध में ममता बनर्जी सीधे तौर पर शुभेंदु अधिकारी का नाम लेने से बच रही हैं क्योंकि बंगाल के वोटर्स में वो ये संदेश पहुंचाना चाहती है कि शुभेंदु उनके खिलाफ लड़ाई में कहीं हैं ही नहीं. वो तो बंगाल के लिए सीधे केंद्र से टकरा रही हैं. ममता के विरोधी भी जानते है कि उनका जूनुन और जिद ही है. जिसकी वजह से उन्होंने सालों से चली आ रही लेफ्ट की सत्ता को उखाड़ फेंका. इस वक्त वो बंगाल की गली-गली चौराहे-चौराहे केंद्र की नीतियों के विरोध में रोड शो कर रही हैं.


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