पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने गुरुवार को ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने मुख्यमंत्री पर संविधान का अतिक्रमण करने का आरोप लगाया और दावा किया कि बनर्जी के कामकाज एनएचआरसी की समिति की उस टिप्पणी को सही ठहराते हैं कि राज्य में कानून का शासन नहीं बल्कि शासक का कानून है. राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच के लिए गठित समिति का हवाला दिया.

बनर्जी को मंगलवार को लिखे पत्र में, धनखड़ ने राज्य सरकार पर राज्यपाल को मांगी गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया और कहा कि यह बनर्जी का संवैधानिक दायित्व है कि वह राज्य के प्रशासनिक मामलों से जुड़ी सूचनाएं मुहैया कराएं.

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धनखड़ का पत्र गुरुवार को सार्वजनिक किया गया जिसमें कहा गया, “संविधान का लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है जिससे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की वह टिप्पणी सही साबित होती है कि राज्य में कानून का शासन नहीं बल्कि शासक का कानून चलता है.”

पत्र में उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल कोई सूचना मांगते हैं तो वह उनसे छुपाई नहीं जा सकती और ऐसा करना यह संकेत देता है कि राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार नहीं चल रही. यह पत्र बनर्जी के 22 जनवरी को भेजे गए एक पत्र के जवाब में लिखा गया है.

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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और राज्य की ममता बनर्जी सरकार के बीच हालिया तकरार का असर गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भी देखने को मिला था. आयोजन स्थल पर जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री का आमना-सामना हुआ लेकिन गर्मजोशी नहीं देखने को मिली. ममता बनर्जी ने आयोजन स्थल पर राज्यपाल के उनकी ओर बढ़ने पर उनका अभिवादन किया, लेकिन तृणमूल कांग्रेस प्रमुख (TMC) की ओर से स्वाभाविक गर्मजोशी का स्पष्ट रूप से अभाव नजर आया था.