पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उस पर निशाना साधा. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राज्य में इस वक्त लोग थाने जाने से डरे हुए हैं. पुलिस सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं से डरी हुई है. मैं उन लोगों को वापस आने के लिए कहा जो डर के मारे अपने घर छोड़कर भागे हुए हैं, मैं अपने सीने पर गोली खाऊंगा.
धनखड़ का ममता पर हमला
जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि मैं मुख्यमंत्री से सकारात्मक नजरिए के साथ बात करूंगा. उन्हें जनादेश मिला है. मुख्यमंत्री को विवाद छोड़ देना चाहिए. धनखड़ ने सीलीगुड़ी में कहा- सीतकूची की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन उन्होंने इसे नरसंहार और कोल्ड ब्लडेड मर्डर करार दिया. मुख्यमंत्रई ने शपथ लेने के बाद एसआईटी बनाई और एसपी को सस्पेंड कर दिया. मैं मुख्यमंत्री यह पूछना चाहता हूं कि जब पूरा राज्य जल रहा है तो क्या उन्हें कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है?
धनखड़ ने किया असम का दौरा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने असम के रनपगली में एक शिविर का शुक्रवार को दौरा किया जहां खुद को भाजपा समर्थक बता रहे कई परिवारों ने शरण ली हुई है. इन परिवारों का आरोप है कि विधानसभा चुनावों के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उनपर अत्याचार कर रहे थे.
उत्तर बंगाल में कूच बिहार से भाजपा सांसद नीतीश प्रमाणिक के साथ धनखड़ ने असम के धुबरी जिले में शिविर का दौरा किया और लोगों से बात की. महिलाएं एवं बच्चों ने यहां शरण ली हुई है. शिविर में रहे लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने दो मई को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से बंगाल में अपने घर छोड़ दिए हैं.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “तृणमूल कांग्रेस के गुंडों” ने उनके घरों में तोड़-फोड़ की. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने सड़क मार्ग से कूच बिहार से रनपगली में शिविर तक की यात्रा की और चुनाव बाद की हिंसा से कथित तौर पर प्रभावित लोगों से मुलाकात की. उन्हें सीतलकूची में काले झंडे दिखाए गए जहां चार ग्रामीण चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की गोलीबारी में मारे गए थे जबकि जिले के दिनहाटा में उनके दौरे के वक्त “वापस जाओ” के नारे लगाए गए.
उनका दौरा होने तक राज्यपाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जुबानी जंग होती रही. मुख्यमंत्री ने बुधवार को उन्हें पत्र लिखकर दावा किया कि चुनाव बाद की हिंसा से प्रभावित कूच बिहार जिले का उनका दौरा नियमों का उल्लंघन करता है जबकि धनखड़ ने यह कहते हुए पलटवार किया कि वह संविधान के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं.