बिहार के बाद अब देश के कई राज्यों में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम चल रहा है. पश्चिम बंगाल में एसआईआर को लेकर खासा बवाल मचा है. ममता बनर्जी के चुनाव आयोग और बीजेपी को घेरने के बाद अब इस मामले पर बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस का बयान सामने आया है. 

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राजभवन में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के कार्यकाल का तीसरा वर्ष पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रम में आनंद बोस ने कहा कि मैं विनम्रतापूर्वक सभी को घबराहट में प्रतिक्रिया देने से बचने की सलाह दूंगा. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे संविधान में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए पर्याप्त नियंत्रण और संतुलन मौजूद हैं. 

'राज्य सरकार और चुनाव आयोग के बीच बातचीत जरूरी'पश्चिम बंगाल में एसआईआर मामले को लेकर राज्यपाल बोस ने कहा कि राज्य सरकार और चुनाव आयोग के बीच बातचीत होनी चाहिए और हो भी रही है. राज्यपाल के रूप में दोनों के बीच संबंध सुधारने के लिए जो भी आवश्यक होगा मैं निश्चित रूप से उसके लिए पहल करूंगा. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमें हिंसा मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त बंगाल का निर्माण करना है.

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ममता बनर्जी ने साधा निशानापश्चिम बंगाल में SIR के बीच एक और बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीएलओ के सुसाइड को लेकर चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि कृष्णानगर में एक और बीएलओ (एक महिला शिक्षक) की मौत की खबर सुनकर बहुत सदमा लगा. 

टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि और कितनी जानें जाएंगी? एसआईआर के लिए और कितने लोगों को मरना होगा? इस प्रोसेस के लिए हमें और कितनी लाशें देखनी पड़ेंगी? यह अब सच में बहुत चिंता की बात हो गई है. बता दें दावा किया जा रहा है कि नादिया जिले की बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ) रिंकू तरफदार ने कथित तौर पर राज्य में एसआईआर से जुड़े काम के दबाव के कारण आत्महत्या की.

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