नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और जीत के तमाम दावों के बावजूद बीजेपी राज्य में सिर्फ करीब 74 सीटों तक सिमट कर रह गई है. इस बीच एबीपी न्यूज़ ने बीजेपी के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से बातचीत कर यह जानने की कोशिश की कि बंगाल में बीजेपी क्यों नहीं जीत पाई?


बीजेपी के हार के कारणों पर बोलते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ममता बनर्जी ने सभी विपक्षी पार्टियों को पत्र लिखकर कहा था कि हमारी मदद करो. इसके बाद राहुल गांधी ने बंगाल में चुनाव प्रचार नहीं करने की घोषणा की थी. उन्होंने यह एलान कोविड के कारण नहीं किया था बल्कि उनका यह सरेंडर था. इसी तरह सीपीएम ने भी सरेंडर कर दिया. जिससे 7-8 प्रतिशत वोट सीधा टीएमसी को ट्रांसफर हो गया.


कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि चुनाव के बीच में यह कहना कि अल्पसंख्यक समाज, मुस्लिम एक हो जाओ. ऐसे वीडियो चले जिनमें कहा गया कि अगर बीजेपी जीती तो बंगाल में मुस्लिमों का जीना मुश्किल हो जाएगा. फिर ममता बनर्जी ने पूरा चुनाव इमोशनल तरीके से लड़ा. उन्होंने चुनाव प्रचार व्हील चेयर पर बैठ कर किया और चुनाव परिणाम के दिन वह खड़ी हो गईं.


ध्रुवीकरण की कोशिश?


कैलाश विजयवर्गीय ने इन आरोपों से इनकार किया कि बीजेपी ने चुनाव प्रचार में ध्रुवीकरण की कोशिश की. उन्होंने कहा कि हमने विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ा. हमने कोई धुव्रीकरण नहीं किया. सिर्फ विकास की बात की. अगर धुव्रीकरण होता तो चुनाव परिणाम कुछ और होता. ध्रुवीकरण अल्पसंख्यक समाज में हुआ, हिंदू समाज का ध्रुवीकरण नहीं हुआ.


बीजेपी नेता ने कहा कि कोरोना के कारण हमारा चुनाव प्रचार प्रभावित हुआ. कलकत्ता बेल्ट में हमारा प्रदर्शन बहुत खराब रहा. यहां कोविड के कारण प्रचार नहीं हो पाया. कई रैलियां नहीं हो पाईं. मोदी जी, योगी जी की रैलियां नहीं हो पाई. करीब 100 सीटों में किसी की सभा हम नहीं करा पाए. शहरी क्षेत्रों में पोलिंग कम हुई. शहरी क्षेत्रों में हमारे मतदाताओं ने कोविड के कारण कम वोट किया. हमारे कार्यकर्ताओं ने हमें बताया कि हम तो वोट डालकर आए लेकिन हमारे माता-पिता कोविड के कारण वोट डालकर नहीं आए.  


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