पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शुक्रवार को टीएमसी छोड़ने वाले नेताओं को "गद्दार" करार देते हुए कहा कि यह अच्छी बात है कि उन्होंने खुद ही उनकी पार्टी छोड़ दी, लेकिन इन दलबदलुओं ने भाजपा के पुराने नेताओं को नाराज कर दिया क्योंकि भगवा पार्टी ने अपने वफादारों के ऊपर दलबदलू नेताओं को तरजीह देते हुए उन्हें मैदान में उतारने का फैसला किया है.


पूर्व मेदिनीपुर के एगरा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने भाजपा पर "दंगा, लूट और हत्या की राजनीति" करने का आरोप लगाया, और सभी से अपने इलाकों में दिखाई देने वाले ऐसे बाहरी लोगों से सतर्क रहने का आग्रह किया. 'बंगाली गौरव' को अपना प्रमुख चुनावी हथियार बनाने वाली टीएमसी ने भाजपा को 'बाहरी लोगों की पार्टी' करार दिया है, क्योंकि उसके शीर्ष नेता राज्य के बाहर से आते हैं.


मुकुल रॉय जैसे अन्य नेताओं के साथ भाजपा में शामिल होने वाले शुभेन्दु अधिकारी और राजीव बनर्जी के स्पष्ट संदर्भ में, टीएमसी सुप्रीमो ने कहा "गद्दार, मीरजाफर अब भाजपा के उम्मीदवार बन गए हैं, जिससे भगवा पार्टी के पुराने नेता नाखुश हैं." बनर्जी ने कहा कि "इन दलबदलुओं" को अतीत में कई जिम्मेदारियां दी गई थीं. उन्होंने कहा, "मैं हर परियोजना की निगरानी करूंगी ताकि इसका लाभ सभी तक पहुंचे."


भगवा दल को 'सामने हरि हरि और पीछे से छुरा घोंपने' के नारे वाली पार्टी बताते हुए, टीएमसी प्रमुख ने दावा किया, 'पान पराग चबाकर और माथे पर तिलक लगाकर भाजपा लोगों पर हमला करती है." "नो वोट टू बीजेपी" का नया नारा गढ़ने वाली बनर्जी ने लोगों से माकपा और कांग्रेस को भाजपा के दोस्त बताते हुए उन्हें भी वोट न देने की अपील की. माकपा, कांग्रेस और आईएसएफ ने पश्चिम बंगाल में एक नया गठबंधन बनाया है.


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