नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के बशीरहाट में हिंसा के बाद अब राजनीति तेज हो गई है. तीन सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडल को लेकर बशीरहाट के हिंसाग्रस्त इलाकों के दौरे पर निकलीं बीजेपी नेता रूपा गांगूली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व वाले कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल और सीपीएम सांसद मोहम्मद सलीम के नेतृत्व वाले लेफ्ट प्रतिनिधिमंडल को भी बशीरहाट नहीं जाने दिया गया. फिलहाल बशीरहाट में एहतियातन 144 धारा लागू है और इंटरनेट सेवा बंद है.

फेसबुक पोस्ट के बाद मचा था बवाल आपको बता दें आपत्तिजनक फेसबुक पोस्ट के बाद हिंसा की आग में जल रहे बशीरहाट में कल फिर हिंसा भड़क उठी थी. बीएसएफ की टुकड़ी को इलाके में तैनात किया गया है इसके बावजूद उपद्रवियों ने जमकर हंगामा और पुलिस पर पथराव किया.

इस बात पर बढ़ा बवाल एक दिन पहले हुई हिंसा में घायल युवक कार्तिक घोष की मौत की खबर अस्पताल से आई, इसके बाद ही हमगामा मचा. बीजेपी ने कार्तिक को अपना कार्यकर्ता बताया और ये भी आरोप लगाया कि टीएमसी विधायक दीपेंदु विस्वास के इशारे पर पुलिस बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ तलाशी अभियान चला रही हैं. बीजेपी ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर हिरासत में लिया जा रहा है. इसी के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बशीरहाट भेजने का एलान किया था.

राज्यपाल-और सीएम के बीच भी झगड़ा! इधर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और सीएम ममता बनर्जी के बीच भी तनातनी बढ़ती जा रही है. दरअसल 24 परगना जिले में सांप्रदायिक हिंसा के बाद राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने सीएम ममता को फोन किया, इस बातचीत के दौरान गवर्नर ने सीएम से जो बात कही उसे ममता भड़की हुई हैं.

गवर्नर से सख्त नाराज ममता ने कहा, “राज्यपाल बीजेपी के ब्लॉक स्तर के कार्यकर्ता की तरह व्यवहार कर रहे हैं. मैं भारतीय जनता पार्टी की दया से इस पद पर नहीं हूं, मुझे लोगों ने चुना है. राज्यपाल मुझे धमकी नहीं दे सकते.

ममता बनर्जी ने गृह मंत्रालय को नहीं सौंपी रिपोर्ट ममता सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा पर अभी तक केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट नहीं भेजी है. पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र से भेजी गई अर्धसैनिक बलों की चार अतिरिक्त कंपनियों को भी लेने से इनकार कर दिया. फिलहाल उत्तरी 24 परगना जिले का बशीरहाट बीएसएफ के हवाले है जो इलाके में शांति बहाल करने की कोशिश कर रहा है.