West Bengal News: पश्चिम बंगाल की राजनीति इन दिनों चर्चा में है, जिसका केंद्र है निलंबित तृणमूल कांग्रेस( TMC) विधायक हुमायूं कबीर. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 में तोड़ी गई बाबरी मस्जिद की स्मृति में पश्चिम बंगाल के मुरशिदाबाद जिले के बेलडंगा में कबीर ने शनिवार को इसकी आधारशिला रखी, लेकिन विवाद यहीं नहीं रुका. प्रस्तावित बाबरी मस्जिद के लिए जमा हुए पैसे गिनने के लिए मशीन लाई गई है.
पैसे गिनने के लिए 30 लोगों को नियुक्त किया गया
हुमायूं कबीर के रेजीनगर स्थित घर पर पैसे गिनने की मशीन लाई गई है. 11 ट्रंक पैसे से भरे हुए हैं और उन ट्रंकों में रखे पैसे गिनने के लिए पैसे गिनने की मशीन लाई गई है. खबर है कि पैसे गिनने के लिए 30 लोगों को नियुक्त किया गया है. हुमायूं कबीर का दावा है कि केवल क्यूआर कोड स्कैन करके 93 लाख रुपये जमा हुए हैं. हुमायूं कबीर ने शनिवार को मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखी. रविवार को वह खुद ईंट लेकर वहां पहुंचे.
मुर्शिदाबाद के साथ-साथ बीरभूम, मालदा में भी 'बाबरी' मस्जिद? बीरभूम, मालदा में भी 'बाबरी' मस्जिद बनाने का प्रस्ताव आया है. रामपुरहाट, सिउड़ी से कुछ लोग आए और अनुरोध किया. हुमायूं का दावा है कि मालदा से भी कई लोगों ने संपर्क किया है. हुमायूं कबीर ने बीरभूम, मालदा में 'बाबरी' मस्जिद के प्रस्ताव पर विचार करने का आश्वासन दिया.
कबीर ने नई पार्टी की घोषणा की जानकारी दी
दूसरी ओर, हुमायूं कबीर ने नई पार्टी की घोषणा को लेकर भी नई जानकारी दी है. उनकी नई पार्टी एमआईएम के साथ गठबंधन करेगी. अगर चाहें तो वाम मोर्चा, कांग्रेस, आईएसएफ भी आ सकते हैं. निलंबित तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर ने कहा. हालांकि, एमआईएम के प्रवक्ता ने उन्हें शुभेंदु अधिकारी की टीम का कोर मेंबर बताते हुए कटाक्ष किया है. तृणमूल, सीपीएम, कांग्रेस में से कोई भी हुमायूं की नई पार्टी को महत्व देने को तैयार नहीं है.
विधायक पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं कबीर
हुमायूं कबीर को तृणमूल से पहले ही निलंबित कर दिया गया है. क्या वह विधायक पद से इस्तीफा देंगे? इसी पर बहस चल रही थी. हुमायूं ने खुद खुलासा किया. घोषणा करने के बाद हुमायूं कबीर पीछे हट गए. विधायक पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं. भरतपूर के विधायक ने बताया. हुमायूं कबीर ने बताया कि मतदाताओं की आपत्तियों के कारण फैसला बदला गया. भरतपूर के विधायक के फैसले में बदलाव को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई है. तृणमूल ने भी निलंबित नेता से दूरी बनाए रखी है.
गुरुवार को मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में ममता बनर्जी की सभा के दिन ही तृणमूल ने भरतपूर के तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर को निलंबित कर दिया. तृणमूल नेता की सभा में आकर उन्होंने निलंबन की घोषणा सुनी और विधायक पद से इस्तीफा देने की घोषणा की. शनिवार को उन्होंने कुछ नरम रुख अपनाते हुए विधायक पद से इस्तीफे को लेकर रहस्य बनाए रखा. और रविवार को उन्होंने यू-टर्न लेते हुए कहा कि वह विधायक पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं. उन्होंने फैसले में बदलाव का कारण भी स्पष्ट किया. हुमायूं कबीर के इस बदलाव पर विपक्ष ने सवाल उठाया है.