Wayanad landslide: वायनाड लैंडस्लाइड त्रासदी को 6 महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है लेकिन सरकार अब तक इस हादसे के पीड़ितों को पुनर्वास प्रदान नहीं कर सकी है. प्रक्रिया में हो रही देरी के चलते लैंडस्लाइड से प्रभावित इलाकों के लोग धरने पर बैठ गए हैं.
रविवार (23 फरवरी) सुबह पहाड़ी जिले चूरलमाला में तनाव नजर आया. यहां जुलाई 2024 के वायनाड लैंडस्लाइड के पीड़ित परिवार पुनर्वास प्रदान करने में हो रही देरी के खिलाफ विरोध रैली निकालने वाले थे लेकिन पुलिस ने इस मार्च को रोक दिया. चूरलमाला में बेली ब्रिज के पास पुलिस टीम ने यह मार्च रोका. इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच नोंक-झोंक भी हुई.
जन शब्दम एक्शन कमेटी के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है. प्रदर्शनकारी तेजी से पुनर्वास प्रदान करने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही 2200 स्क्वैयर फीट से ज्यादा जमीन दिए जाने की मांग भी की जा रही है. चुरुलमाला से जो वीडियो सामने आ रहे हैं, उनमें प्रदर्शनकारी धरना देते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस बीच, पीपुल्स एक्शन कमेटी ने सोमवार को वायनाड जिला कलेक्ट्रेट के सामने भूख हड़ताल की घोषणा भी की है.
लैंडस्लाइड में मारे गए थे 200 से ज्यादा लोगपिछले साल 30 जुलाई को वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में हुए लैंडस्लाइड में 200 से ज्यादा लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे. यह दोनों क्षेत्र इस लैंडस्लाइड में लगभग पूरी तरह खत्म हो चुके थे.
केरल सरकार अब तक पुनर्वास सूची में 323 परिवारों का नाम रिलीज कर चुकी है. पहली सूची में 242 नाम थे और दूसरी सूची में 81 नाम शामिल किए गए हैं. यह आपदा प्रभावित क्षेत्र के उन परिवारों की सूची है, जिनके घरों को रहने लायक नहीं माना गया है.
बता दें कि केरल सरकार ने लैंडस्लाइड के बाद बचे हुए लोगों के लिए एक व्यापक पुनर्वास परियोजना को मंजूरी दी थी. इस परियोजना में आपदा से प्रभावित लोगों के लिए एक सुरक्षित और टिकाऊ रहने का माहौल प्रदान करने के लिए दो टाउनशिप स्थापित करना शामिल है.
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