Protest Against Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की ओर से जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इसमें तमाम मुस्लिम संगठनों के नेता मौजूद रहे. मुस्लिम संगठनों के अलावा इस धरने में विपक्षी पार्टियों के नेता भी शामिल हुए. कांग्रेस, सपा, टीएमसी, CPI (M), NCP (SP), IUML, AIMIM, BJD और बाकी पार्टियों के नेताओं ने शिरकत की. 

'हिंदुस्तान किसी के बाप की जागीर नहीं'AIMPLB के वाइस प्रेसिडेंट मौलाना उबैदुल्ला खान ने कहा, 'सफेद अंग्रेज जो काली औलादें छोड़ गए थे, वो काली औलादें हमारी जमीनों पर कब्जा करना चाहती हैं लेकिन याद रखें हम ऐसा नहीं होने देंगे क्योंकि हिंदुस्तान किसी के बाप की जागीर नहीं है. खुदा करे ये बिल इनके पॉलिटिकल बिल में घुस जाए.'

उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, 'आप सब कुछ हड़प कर जाओगे तो मिल्लत चुप बैठे रहेगी ऐसा नहीं होगा. आगे की रणनीति बताते हुए मौलाना ने कहा कि अभी तो ये अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है.'

'अल्लाह की लाठी में आवाज नहीं होती'बीजू जनता दल से सांसद मोहिबुल्ला खान ने कहा, 'हमारे सुझाव को जेपीसी ने माना नहीं. सरकार क्यों मुसलमानों के धर्म में ही घुसना चाहते हैं. हमारे धर्म में घुसने की क्या जरूरत है. हमारी कौम के अंदर सरकार घुसने की कोशिश कर रही है, इसका परिणाम बहुत बुरा होगा. खान ने भी चेतावनी भरे लहजे में कहा, 'आप लोग आग से खेल रहे हैं. आगे चलकर अल्लाह आपको मार देगा. अल्लाह की लाठी में आवाज नहीं होती है.'

जमात ए इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने कहा, 'मैं किरेन रिजिजू (केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री) से पूछना चाहता हूं कि इस बिल में ऐसा कौन सा प्रावधान है कि by user खत्म करने से एडमिनिस्ट्रेशन बेहतर होगा. ये बिल वक्फ को कमजोर करने के लिए लाया जा रहा है. ये बिल मुसलमानों का नहीं बल्कि संविधान को बचाने का मसला है. किसी सूरत में भी बिल को मंजूर नहीं होने देना चाहिए. 

'हमको हमारे ईमान पर जीने दीजिए'पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, 'हमारी कौम ने देश के लिए कुर्बानी दी है. हमारा देश एकता का नमूना था. अब सवालिया निशान खड़ा हो रहा है हमारी तहज़ीबी पहचान पर. उत्तराखंड में यूसीसी पर भी सवाल उठा है. हमको हमारे ईमान पर जीने दीजिए. सरकार ने हमारी बात को समझा नहीं, हमारी आवाम अपने मसले का फैसला करेगी आप दखल मत दें'. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, 'हमारा देश भाईचारे पर चलेगा. JPC की कमेटी में तानाशाही हुई है. हम बार-बार कहते थे कि कमेटी में संविधान के साथ संसद के नियमों के साथ नाइंसाफी हो रही है. इस कानून का उद्देश्य समाज में द्वेष फैलाना है'.

'संसद को चैन से नहीं चलने देंगे'लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी समाजवादी पार्टी के 5 सांसद भी धरने में शामिल हुए. समाजवादी पार्टी से सांसद धर्मेंद्र यादव ने सपा के डेलीगेशन का नेतृत्व किया. उन्होंने कहा, 'मैं अपने नेता अखिलेश यादव की ओर से यकीन दिलाने आया हूं कि सपा आखिरी सांस तक इस बिल के खिलाफ लड़ेगी. जहां जहां ये बिल जाएगा हम वहां वहां लड़ेंगे. चाहे हमें जितनी कुरबानी देने पड़े लेकिन हम इस बिल को पास नहीं होने देंगे. आपकी दुआओं से हम ऐसी स्थिति में है कि अगर जबरदस्ती ये बिल लाया गया तो संसद को चैन से नहीं चलने देंगे. सरकार को पता है कि रेल और रक्षा के बाद वक्फ के पास सबसे ज्यादा जमीन है. अखिलेश यादव की ओर से मैं यकीन दिलाता हूं कि हर स्तर पर संघर्ष करेंगे'.

'हिंदुस्तान का हुसैन नहीं अच्छा लगता'AIMPLB के सेक्रेटरी तालिब रहमानी ने कहा, 'एक बार पीएम मोदी ने कहा था कि बचपन में ईद के दिन उनके घर खाना नहीं बनता था. पीएम साहब हम आज भी आपके लिए शुद्ध शाकाहारी भोजन भेजने के लिए तैयार हैं. हमारे किचेन आज भी बंद नहीं हुए हैं लेकिन हमारे लिए आप की तरफ से मोहब्बत का दरवाजा बंद हो गया है. आपको बांग्लादेश की हसीना अच्छी लगती है लेकिन हिंदुस्तान का हुसैन नहीं अच्छा लगता'.

'कुर्बानी देने के लिए हमें तैयार होना चाहिए'जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा, 'ये मुसलमानों का सिर्फ मामला नहीं है बल्कि मुल्क के दस्तूर का मामला है. भारत के दस्तूर पर बुलडोजर चलाने की कोशिश कर रहे हैं. हर लड़ाई के लिए कुर्बानी की जरूरत होती है कुर्बानी देने के लिए हमें तैयार होना चाहिए. अब सड़क से काम नहीं चलेगा.'

इस धरने में शिया समुदाय से मौलाना कल्बे जव्वाद ने भी शिरकत की और मंच से कहा, 'ये वक्फ बिल नहीं बल्कि सांप का बिल है. इस बिल के जरिए सरकार वक्फ की प्रॉपर्टी को अपने कब्जे में लेना चाहती है. मैं कहता हूं कि जब तुम कहते हो कि वक्फ की प्रॉपर्टी चुराई हुई प्रॉपर्टी है तो फिर चोरी की जायदाद खुद चोरी करना चाहते हो.'

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