कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों का तीखा जवाब दिया है. गुरुवार को राज्यसभा में खड़गे ने ठाकुर के आरोपों पर पलटवार करते हुए एक फिल्मी अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा, 'अगर बीजेपी के लोग मुझे डराकर झुकाना चाहते हैं, मैं कभी नहीं झुकूंगा.' खड़गे ने कहा कि अगर ठाकुर के आरोप साबित होते हैं, तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे, लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीजपी नेताओं की धमकियों से वह कभी नहीं झुकेगा.
यह विवाद उस वक्त खड़ा हुआ जब भारतीय जनता पार्टी के सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में वक्फ बिल पर चर्चा करते हुए खड़गे पर आरोप लगाया कि उन्होंने वक्फ की जमीन हड़प ली है. ठाकुर के इस आरोप ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी, लेकिन खड़गे ने इसे पूरी तरह से झूठा और निराधार बताते हुए प्रतिक्रिया दी.
मैं कभी नहीं झुकूंगा
अपने बयान में खड़गे ने कहा, 'अगर भारतीय जनता पार्टी के लोग मुझे डराकर झुकाना चाहते हैं, तो मैं कहता हूं कि ऐसा कभी नहीं होगा. मैं टूट सकता हूं, लेकिन झुकूंगा नहीं.' उन्होंने आगे कहा, 'मेरा जीवन एक खुली किताब की तरह रहा है, जिसमें संघर्ष और संघर्ष के बावजूद मैंने हमेशा अपनी राजनीतिक जीवन में सर्वोच्च मूल्य बनाए रखे हैं.'
पुष्पा के डायलॉग का इस्तेमाल
खड़गे ने अपने जवाब में पुष्पा फिल्म के मशहूर डायलॉग का जिक्र किया, जिसमें अभिनेता अल्लू अर्जुन का संवाद 'झुकूंगा नहीं' विशेष रूप से प्रसिद्ध है. उन्होंने इस संवाद का इस्तेमाल करते हुए भाजपा पर तीखा हमला किया और कहा कि वह किसी भी तरह की धमकी से डरने वाले नहीं हैं.
इस बयान के बाद खड़गे ने दावा किया कि ठाकुर ने लोकसभा में उन पर झूठे आरोप लगाए थे, और जब उनके साथियों ने ठाकुर को चुनौती दी, तो उन्हें अपना बयान वापस लेना पड़ा, हालांकि तब तक काफी नुकसान हो चुका था.
माफी की मांग
खड़गे ने ठाकुर से माफी की भी मांग की और कहा कि अगर उनके आरोपों का कोई प्रमाण मिलता है, तो वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के आरोप न केवल उनकी व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि राजनीति को भी नकारात्मक दिशा में ले जाते हैं.
यह मामला अब कांग्रेस और भाजपा के बीच एक नया विवाद बन चुका है, जिसमें राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की बयार तेज हो गई है. खड़गे का यह स्पष्ट संदेश भाजपा के लिए एक चेतावनी की तरह था कि वे उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश न करें, क्योंकि वह अपनी राजनीतिक मजबूती से किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं.