Waqf Amendment Bill JPC Report: वक्फ (संशोधन) बिल 2024 पर लंबे समय से मंथन चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक वक्फ के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गुरुवार (13 फरवरी 2025) को संसद में रिपोर्ट पेश की जाएगी. इसे 1 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था. संसद में सोमवार (3 फरवरी) को वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर जेपीसी की रिपोर्ट पेश होनी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया था. जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा था कि जब लोकसभा अध्यक्ष इसे एजेंडे में रखेंगे, तो हम इसे पेश करेंगे.

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वक्फ कानून से सबको मिलेगा लाभ- जगदंबिका पाल

जगदंबिका पाल ने कहा था कि वक्फ का कानून बनने के बाद देश के गरीबों, अल्पसंख्यकों, विधवाओं को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा था, "तीन तलाक पर सरकार ने जो फैसला लिया, मुस्लिम महिलाओं ने इसका स्वागत किया. मैं समझता हूं कि जब जेपीसी की यह रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी, तो देश के सभी लोग यह महसूस करेंगे कि उनकी सरकार वक्फ बोर्ड में अच्छा संशोधन लेकर आई है. इसका लाभ लोगों को मिलेगा."

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विपक्षी सासंदों ने अलोकतांत्रिक बताया

विपक्षी सासंदों में से कुछ ने इस पर असहमति जताई और इसे अलोकतांत्रिक बताया है. विपक्ष ने इसे मुस्लिम समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर हमला और वक्फ बोर्डों के कामकाज में हस्तक्षेप बताया है. इस सांसदों का कहना है कि उन्हें अंतिम रिपोर्ट का अध्ययन करने और अपने सहमति नोट तैयार करने के लिए बहुत कम समय दिया गया.

वक्फ (संशोधन) बिल पर संसद की संयुक्त समिति ने मसौदा विधेयक पर रिपोर्ट को 15-11 बहुमत से स्वीकार कर लिया. बीजेपी का कहना है कि पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता जवाबदेही लाने का प्रयास है. पिछले महीने वक्फ संशोधन अधिनियम पर जेपीसी की बैठक में 44 संशोधनों पर चर्चा की गई थी. एनडीए सांसदों ने 14 संशोधनों को स्वीकार किया था, जबकि विपक्षी सांसदों ने इसे खारिज कर दिया था.

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