Waqf Amendment Bill:  वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल सोमवार (3 फरवरी, 2025) को बजट सत्र के दौरान लोकसभा में रिपोर्ट पेश करने वाले हैं. 

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वक्फ (संशोधन) विधेयक के लिए बनाई गई JPC ने बीते गुरुवार (30 जनवरी, 2025) को इसकी ड्राफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी थी. उस दौरान सत्ता पक्ष के सदस्य मौजूद थे, लेकिन इसमें कोई विपक्षी सांसद नजर नहीं आया था. JPC ने इसके एक दिन पहले ही ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी. 

रिपोर्ट को लेकर AIMIM नेता ने जताया विरोध

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पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद रिपोर्ट को लेकर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार (31 जनवरी, 2025) को कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट पर उनके विस्तृत असहमति नोट को समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने उनकी जानकारी के बिना हटा दिया. समिति के सदस्य ओवैसी ने इस रिपोर्ट पर 231 पृष्ठों का असहमति नोट दिया था और अध्यक्ष पर रिपोर्ट के संबंध में दिये गये असहमति नोट को बदलने के लिए प्रक्रिया के नियमों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. 

'जानकारी के बिना हटाए गए मेरे नोट'

ओवैसी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैंने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ संयुक्त समिति को एक विस्तृत असहमति नोट सौंपा था. यह चौंकाने वाली बात है कि मेरे नोट के कुछ हिस्सों को मेरी जानकारी के बिना संपादित किया गया. हटाए गए खंड विवादास्पद नहीं थे; उनमें केवल तथ्य बताए गए थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘(समिति के) अध्यक्ष जगदंबिका पाल जैसी रिपोर्ट चाहते थे, वैसी रिपोर्ट तैयार करवा ली , लेकिन विपक्ष की आवाज को क्यों दबाया गया? 

विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर असहमति नोट पेश किए

ओवैसी ने कहा कि चूंकि उन्होंने मेरी रिपोर्ट को बदलने के लिए एक नियम का दुरुपयोग किया है, इसलिए मैं जल्द ही अपना पूरा असहमति नोट जनता को पढ़ने के लिए जारी करूंगा.’’ वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति ने मसौदा विधेयक पर इस रिपोर्ट को 11 के मुकाबले 15 के बहुमत से स्वीकार कर लिया. विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर असहमति नोट प्रस्तुत किए.

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