Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर जारी विवाद के बीच अब विश्व हिंदू परिषद की तरफ से भी सुझाव दिए गए हैं. इसे लेकर विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें सुझाव पत्र सौंपा. बताया गया है कि विश्व हिंदू परिषद की तरफ से यूसीसी को लेकर कई तरह के सुझाव दिए गए हैं, साथ ही गृहमंत्री से अपील की गई है कि समान नागरिक संहिता पर कानून बनने पर किन चीजों को इससे बाहर रखा जाना चाहिए और सुझाव दिया गया है कि इसमें किस तरह के प्रावधान हों. 


VHP की तरफ से दिए गए ये सुझाव
सूत्रों के मुताबिक विश्व हिंदू परिषद की तरफ से दिए गए सुझावों में यूसीसी के तहत महिलाओं के अधिकारों को लेकर जोर दिया गया है. इस सुझाव पत्र में यूसीसी के ड्राफ्ट में शादी, तलाक, संपत्ति के अधिकार, बच्चों के गोद लेने, तलाक देने के बाद गुजारा भत्ता जैसे मामलों को शामिल करने का जिक्र किया गया है. इसके अलावा LGBTQ, लिव इन रिलेशनशिप शादी को कानूनी मान्यता और जनसंख्या नियंत्रण को यूसीसी से बाहर रखने का भी सुझाव इसमें शामिल है. 


पीएम मोदी के बयान का किया समर्थन
इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का समर्थन करते कहा था कि एक समान कानून 1400 साल पुरानी स्थिति से वर्तमान में लाएगा. विहिप ने समान नागरिक संहिता के विषय को नारी सम्मान से जोड़ते हुए सवाल किया कि जब आपराधिक कानून, संविदा कानून, कारोबार से जुड़े कानून एक समान हैं तब परिवार से जुड़े कानून अलग क्यों हों? 


विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने अपने बयान में यूसीसी को लेकर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने कल अपने संबोधन में समान नागरिक संहिता बनाने पर बल दिया. इसका कुछ राजनीतिक दलों और मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं ने विरोध किया है. विश्व हिन्दू परिषद प्रधानमंत्री की बात से सहमत है.’’उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में सभी सरकारों को यह निर्देश दिया गया है कि वह एक समान नागरिक संहिता बनाने का प्रयास करें.



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