नई दिल्ली: क्या देश के बड़े उद्योगपति गौतम अडाणी को नोटबंदी की पहले से जानकारी थी? ये सवाल एक मैसेज उठा रहा है. मैसेज में एक लैंड डील का हवाला दिया जा रहा है. दावा है कि 8 नवंबर को अदाणी ने करोड़ों की लैंड डील की थी. क्या है अडाणी को नोटबंदी की जानकारी की पोल खोलने वाली लैंड डील का वायरल सच? कोई इन्हें पोर्ट किंग कहता है तो कोई बॉस बुलाता है. फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी का नाम है गौतम अडाणी. देश के बहुत बड़े उद्योगपति हैं गौतम अडाणी और उनका नाम देश के 11 वें सबसे अमीर शख्स के तौर पर दर्ज हो चुका है लेकिन गौतम अडाणी प्रधानमंत्री मोदी के साथ नजदीकियों को लेकर सबसे पहले चर्चा में आए थे और विरोधियों ने दोनों की नजदीकियों को लेकर निशाना भी साधा था. नजदीकियों का ये फंसाना पुराना हो चुका है फिलहाल ताजा चर्चा नोटबंदी को लेकर है. उद्योपति गौतम अडाणी को चर्चा में लेकर आया है एक मैसेज. जो गंभीर आरोप लगा रहा है और नोटबंदी की जानकारी अडाणी को पहले से ही होने का दावा कर रहा है. मैसेज में क्या लिखा है महोबा जिले के चरखारी में नोटबंदी के एक दिन पहले अदाणी ने 15 करोड़ 55 लाख की जमीन चरखारी में खरीदी. इन्हें सोलर प्लांट के नाम से खरीदा गया. साफ लगता है कि अदाणी को नोटबंदी का पता था तभी एक दिन पहले ग्रुप ने ये काम किया. इन आरोपों को वजन देने के लिए मैसेज के साथ एक ब्योरा है. जिसमें जमीन खरीदने वाले और जमीन बेचने वाले का नाम पता लिखा हुआ है. करीब 13 हिस्स हैं और खरीदने वाले ग्रुप का नाम अडाणी ग्रुप लिखा हुआ है यही वजह है कि लोग इस मैसेज और मैसेज में लगाए गए आरोपों को गंभीरता से रहे हैं लेकिन यहां सवाल उठता है कि क्या वाकई अडाणी को नोटबंदी की जानकारी थी? क्या जानकारी होने पर 15 करोड़ की लैंड डील हुई थी? क्या लैंड डील का जो कागज दिखाया जा रहा है वो सच्चा है? इन तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए एबीपी न्यूज ने इन दावों की पड़ताल की. लैंड डील का सच जानने के लिए एबीपी न्यूज उत्तर प्रदेश के महोबा पहुंचा जहां सौदे का दावा किया जा रहा है. महोबा के चरखारी पहुंचने के बाद हम सबसे पहले सब रजिस्ट्रार के दफ्तर पहुंचे और वहां हमने ये जानने की कोशिश की रजिस्ट्री का जो कागज वायरल हो रहा है क्या वाकई वैसी कोई लैंड डील हुई है. यहां एबीपी न्यूज की पड़ताल में पता चला कि अडाणी ग्रुप ने यूपी के महोबा के चरखारी में सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए तीन गांवों में जमीन खरीदी थी घुटबई, रायनपुर, और सबुआ इन तीन गांवों में 260 एकड़ जमीन खरीदी थी लेकिन यहां गौर करने वाली बात ये है कि जमीन खरीदने की ये प्रक्रिया फरवरी में ही शुरू हो गई थी. जमीन सीधे अडाणी ग्रुप ने नहीं खरीदी. ग्रुप ने अलग-अलग कंपनियों के जरिए किसानों से ये जमीन खरीदी थी. जमीन बेचने वाले ऐसे ही एक किसान भी हमें मिले. यानि ये सच है कि प्रक्रिया बहुत पहले ही शुरू हो गई थी लेकिन ये जमीने सीधे अडाणी ग्रुप नहीं खरीद सकता था क्योंकि नियम ये कहता है कि 12 एकड से ज्यादा व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए जमीन खरीदनी हो तो मंडल आयुक्त से इजाजत लेनी पड़ती है. इस इजाजत के लिए 24 मई को ही अडाणी ग्रुप ने प्रार्थना पत्र दे दिया था.
14 अक्टूबर को इजाजत मिल गई . ये इजाजत मिलने के बाद सभी कंपनियों ने जमीन के जो छोटे-छोटे हिस्से खरीदे थे वो अडाणी ग्रुप की प्रयत्न डेवलपर्स को बेच दिए. हमारी पड़ताल में एक और बात सामने आई वो ये कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों ने प्रयत्न डेवलपर्स प्राइवेट कंपनी को जमीन बेची उसके स्टांप 8 नवंबर 2016 की दोपहर में खरीदे गए थे. 8 नवंबर को रात 8 बजे नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का एलान किया था. लेकिन अडाणी ग्रुप ने जो जमीन खरीदी उसकी रजिस्ट्री 8 दिन बाद 16 नवंबर 2016 को हुई थी खरीदी हुई जमीन पर काम भी शुरू हो चुका है. हमारी पड़ताल में सामने आया है कि यूपी के महोबा में सोलर प्लांट के लिए अडाणी ग्रुप ने जमीन खरीदी थी लेकिन उसका नोटबंदी के एलान से कोई लेना-देना नहीं इसलिए जैसे इसे पेश किया जा रहा है वो गलत है. एबीपी न्यूज की पड़ताल में वायरल मैसेज झूठा साबित हुआ है.